जनपद चम्पावतनवीनतमस्वास्थ

​चम्पावत : जिला अस्पताल में प्रसव के दौरान गर्भवती की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

ख़बर शेयर करें -

चम्पावत। गर्भ में शिशु की मौत के 24 घंटे तक पीड़िता का प्रसव नहीं किया गया। इस कारण लोहाघाट से रेफर की गई गर्भवती की प्रसव के दौरान जिला अस्पताल (डीएच) में मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने सीएम और डीएम को पत्र भेजकर इलाज में लापरवाही बरतने का का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। कहा है कि अगर समय से ऑपरेशन होता तो गर्भवती की जान बचाई जा सकती थी।

लोहाघाट के पाटन पाटनी निवासी गर्भवती सीमा विश्वकर्मा (32) को 24 अप्रैल को उप जिला अस्पताल लोहाघाट ले जाया गया था। लोहाघाट में डॉक्टर ने गर्भ में बच्चे की मौत होना बताकर गर्भवती को चम्पावत डीएच रेफर किया। सीएमएस डॉ. विवेक ने भी बच्चे को मृत बताया। कहा कि अगले दिन 25 अप्रैल की शाम प्रसव करने का प्रयास किया गया। इसी दौरान इंजेक्शन लगाने के बाद गर्भवती की तबियत तेजी से बिगड़ गई। गर्भवती को आईसीयू में ले जाया गया, लेकिन कुछ देर बाद ही मौत हो गई।

गर्भवती के पति पुष्कर विश्वकर्मा ने ऑपरेशन करने के बजाय एक दिन बाद सामान्य प्रसव की प्रक्रिया शुरू करने को घोर लापरवाही बताया। उनका कहना है कि समय रहते ऑपरेशन होने पर सीमा की जिंदगी बच सकती थी। उन्होंने सीएम और डीएम को ज्ञापन भेज लापरवाही के आरोप की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।

सीएमओ और एसीएमओ ने किया पोस्टमार्टम
चम्पावत। परिजनों ने मृतक गर्भवती सीमा विश्वकर्मा के पोस्टमार्टम में भी देरी का आरोप लगाया है। बताया कि मंगलवार शाम मौत होने के बावजूद बुधवार दोपहर दो बजे बाद पोस्टमार्टम हो सका। डॉक्टर की देरी पर परिजनों ने नाराजगी जताई। इस कारण सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल और एसीएमओ डॉ. इंद्रजीत पांडेय ने खुद पोस्टमार्टम किया।

गर्भ में बच्चे की मौत के बावजूद जिला अस्पताल में ऑपरेशन न करना लापरवाही नहीं कहा जा सकता। ये डॉक्टर का विवेक है कि गर्भवती का ऑपरेशन करना है या सामान्य प्रसव? मृतका के पति की ओर से मिली शिकायत की जांच कराई जाएगी। डॉ. केके अग्रवाल, सीएमओ, चम्पावत

सीमा को 24 अप्रैल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था शिशु की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी कि प्रोटोकॉल के अनुसार शिशु की गर्भ में मौत होने के एक-डेढ़ दिन बाद तक सामान्य प्रसव कराया जाता है। इस वजह से ऑपरेशन कराने के बजाय सामान्य प्रसव कराने को प्राथमिकता दी गई। गर्भवती की हालत सामान्य थी लेकिन एकाएक तबियत बिगड़ने से महिला की मौत हो गई। डॉ. विवेक सिंह, सीएमएस जिला अस्पताल