चम्पावत : स्थाई राजधानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार की लड़ाई लड़ेंगे राज्य आंदोलनकारी, बैठक में किया ऐलान

चम्पावत। उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य के विकास के लिए एकजुट होकर लड़ाई लडने का संकल्प लिया। चिन्हित राज्य आंदोनकारी समिति की 2 जून को यहां तिवारी होटल में हुई बैठक में विभिन्न मसलों पर चर्चा की गई। साथ ही भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की। बैठक में दूसरे जिलों के राज्य आंदोलनकारी भी शामिल हुए।


नवंबर 2000 में बने उत्तराखंड राज्य के समग्र और संतुलित विकास के लिए सभी ने एकजुट होकर लड़ाई की बात कही। वक्ताओं ने कहा कि वंचित राज्य आंदोलनकारियों को चिन्हित करने के लिए भी संघर्ष किया जाएगा। पहाड़ से हो रहे पलायन को रोकने के लिए जमीन पर गंभीर काम करने पर बल दिया। वर्ष 2000 से 2006 तक सरकार की ओर से अनुमन्य सुविधाओं का लाभ देने की मांग भी उठाई। कहा गया कि चिन्हित आंदोलकारी कर्मचारियों को लाभ नहीं मिलने से कर्मचारियों के मनोबल में गिरावट आई है। त्रैमासिक बैठक का आयोजन कर समस्याओं के समाधान के लिए मंथन करने का सुझाव दिया गया। आंदोलनकारियों ने 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की मांग की। साथ ही उत्तराखंड को ग्रीन बोनस देने, गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए लड़ाई लडने का ऐलान किया। सभी समस्याओं और मांगों को लेकर शीघ्र सीएम से मुलाकात करने का भी निर्णय लिया गया।

बैठक में दिनेश गुरुरानी, बहादुर सिंह फर्त्याल, एडवोकेट शंकर दत्त पांडेय, श्याम नारायण पांडेय, डॉ. श्याम सिंह कार्की, मंदीप सिंह ढेक, सुधीर साह, बसंत सिंह तड़ागी, राजू गड़कोटी, डीके पांडेय, महेश कलौनी, हरीश चौधरी, बसंत भट्ट, देवेंद्र ओली, टीकाराम जोशी, जगदीश जोशी, किशन गिरी, उमा पांडेय, सोनू वर्मा, सुरेश पंवार, भूपेंद्र भंडारी, दीपा रजवार, गंगा देवी, महेश गहतोड़ी, चतुर सिंह, दुर्गानंदन खर्कवाल, ललित गोस्वामी, दिनेश पांडेय, विजय बोहरा, गोविंद रावल, जगदीश जोशी आदि मौजूद रहे।
