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चम्पावत : सीमांत मंच स्वास्थ्य केंद्र में नहीं मिलता इलाज, चिकित्सक पर अक्सर अस्पताल से नदारद रहने के लग रहे आरोप, घायलों को भी नहीं मिल पाया उचित उपचार

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चम्पावत। सीमांत तल्लादेश के मंच में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को इलाज आसानी से नहीं मिलता है। यहां पर चिकित्सक समेत सात कर्मियों की तैनात की गई है, लेकिन अक्सर यहां चिकित्सक अक्सर नदारद रहते हैं। मंगलवार को भी सड़क हादसे के दौरान घायलों के प्राथमिक इलाज के लिए भी कोई नहीं मिला। तुरगोली में तैनात सीएचओ ममता मनराल ने अकेले ही घायलों का प्राथमिक इलाज किया। इसके अलावा अस्पताल में एक मात्र पर्यावरण मित्र मौजूद था। अस्पताल में तैनात स्टाफ आखिर एक साथ कहां गायब था, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।

इसे लेकर दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यप्रणाली पर लोग सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यहां अस्पताल में चिकित्सक अक्सर नहीं मिलते हैं। सीएमओ डॉ. देवेश चौहान ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

मंच अस्पताल पर 15 हजार से अधिक की आबादी निर्भर हैं, लेकिन यहां तैनाती के बावजूद चिकित्सक मौजूद नहीं रहते। इससे मरीजों को इलाज कराने में दिक्कत हो रही है। मंच, हरतोला, बकोड़ा, मटकांडा, मोस्टा, दुबरजैनल, हरम, रमैला, गुरखोली, नीर आदि गांव के लोग इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल में डॉ. प्रकृति तोमर, स्टाफ नर्स नीलोफर अंसारी, नीलम नेगी, फार्मासिस्ट संजय वर्मा, एएनएम शीला प्रहरी, पुष्पांजलि पांडे, वार्ड बॉय अंकुर वर्मा तैनात हैं। प्रधान दीपक महर ने कहा कि यहां अक्सर चिकित्सक नहीं मिलते हैं। ऐसे में मरीजों को मामूली इलाज के लिए भी चम्पावत जाना पड़ता है।

मंगलवार को अस्पताल से गायब मिला स्टाफ
मंच। मंगलवार को सड़क हादसे के दौरान घायलों के प्राथमिक इलाज के लिए भी कोई नहीं मिला। तुरगोली में तैनात सीएचओ ममता मनराल ने अकेले ही घायलों का प्राथमिक इलाज किया। इसके अलावा अस्पताल में एक मात्र पर्यावरण मित्र मौजूद था। अस्पताल में तैनात स्टाफ आखिर एक साथ कहां गायब था, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। इसे लेकर दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यप्रणाली पर लोग सवाल उठा रहे हैं। सीएमओ डॉ. देवेश चौहान ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।