छत्तीसगढ़ : सीएम विष्णुदेव साय ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा किया पेश
रायपुर। मुख्यमंत्री के तौर पर विष्णुदेव साय के चयन के बाद अब भाजपा के आला नेता राजभवन पहुँच चुके है। वह यहां राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया। नेताओं के साथ प्रदेश प्रभारी ओम माथुर भी है। जो नेता फिलहाल विष्णुदेव साय के साथ है उनमें भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, मोतीलाल साहू, पुन्नू लाल मोहले, अमर अग्रवाल, लता उसेंडी और भैया लाल राजवाड़े शामिल है।
छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री का चुनाव पूरा हो चुका है। कुनकुरी विधायक विष्णुदेव साय प्रदेश के नए सीएम होंगे। विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर सहमति बनी और फिर उनके नाम का ऐलान किया गया। भाजपा के दिग्गज नेता विष्णुदेव साय ने कुनकुरी से कांग्रेस के यूडी मिंज को इस बार 25 हजार से ज्यादा वोटों से परास्त किया है। साय तीन बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके है। संगठन में भी उन्हें बड़ा पद मिल चुका है। वह दो बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रह चुके है।
भाजपा ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले किसी को सीएम के चेहरे को पेश नहीं किया था। पूरा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा था, लेकिन जीत के बाद एक हफ्ते तक रायपुर से दिल्ली तक सीएम के चेहरे को लेकर मंथन का दौर चला। अब पार्टी ने इस रेस में आदिवासी समाज से आने वाले विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगा दी है। छत्तीसगढ़ को आदिवासी राज्य के रूप में देखा जाता है, क्योंकि यहां की 32 फीसदी आबादी एसटी कैटेगरी में आती है। इसलिए आदिवासी समुदाय से आने वाले बीजेपी नेता विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना हैं। दरअसल, विष्णुदेव साय ने अपने इलाके में जो किया है। वो कमाल ही कहा जाएगा। उन्होंने क्षेत्र की सभी सीटें कांग्रेस से छीन कर बीजेपी को सौंप दी है। साय खुद कुनकुरी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में थे, जहां उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को 25 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी है।

इसके अलावा साय ने अपने साथ साथ सरगुजा संभाग की सभी सीटें भी बीजेपी के खाते में ट्रांसफर करवा दी है। 2018 में सरगुजा के लोगों ने ये मानकर कांग्रेस को वोट दिया था कि टीएस सिंह देव प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे। इसलिए कांग्रेस ने सभी 14 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन ढ़ाई साल बाद जब सीएम नहीं बदला गया तो सरगुजा के लोगों ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया। इसका असर चुनाव में दिखा। सभी 14 सीट कांग्रेस से भाजपा की तरफ ट्रांसफर हो गया।
शाह ने पहले की कर दिया था इशारा
प्रदेश के सरगुजा संभाग के प्रदर्शन ने विष्णुदेव साय की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को मजबूती दी है। साय को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का भी करीबी माना जाता है। साय इससे पहले वो छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष और मोदी सरकार की पहली पारी में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। विष्णु देव साय की राज्य के सीएम बनने की एक बड़ी वजह गृहमंत्री अमित शाह का बयान है। चुनाव के दौरान अमित शाह ने बस इतना ही कहा था, ‘इनके बारे में मैंने कुछ बड़ा सोचा है।’ प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में तो कुछ बड़ा सोचा है इसका मतलब मुख्यमंत्री बनाना ही होता है और शाह ने अपना वादा आखिर पूरा किया।
1989 से साय ने शुरू की है राजनीति
छत्तीसगढ़ की राजनीति में विष्णुदेव साय इसलिए बड़ा नाम है, क्योंकि वे चार बार सांसद, दो बार विधायक, केंद्रीय राज्य मंत्री और दो-दो बार के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें संगठन में काम करने का लंबा अनुभव भी है। साल 2023 में विधानसभा चुनाव में उन्होंने कुनकुरी सीट से जीत हासिल भी की है। प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद भी वे पार्टी से लगातार जुड़े रहे। साय ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत 1989 में की। सबसे पहले वे एक गांव के पंच के रूप में थे। संघ से जुड़े थे। भारतीय जनता पार्टी ने साल 1990 में उनके ऊपर भरोसा जताकर तपकरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक का टिकट दिया, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार के सांसद भी चुने गए। साल 1999 से लेकर साल 2014 तक लगातार तीन बार सांसद रहे।
