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उत्तराखंड : धराली में हेली रेस्क्यू ऑपरेशन से जिंदगी की तलाश, मोर्चे पर डटे हुए हैं सीएम…

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उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से मची तबाही के बाद बुधवार दोपहर मौसम खुलने पर बचाव अभियान ने जोर पकड़ा। जिला प्रशासन के अनुसार सेना के दो घायल जवानों को हेलिकॉप्टर से हायर सेंटर भेजा गया है। आपदा में छह लोगों की मौत हो गई है। हर्षिल राहत कैंप में रुके हुए नौ यात्रियों को हेली से मातली लाया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज गुरुवार सुबह उत्तरकाशी में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर धराली क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही आज सुबह से प्रभावित क्षेत्रों में शुरू हुए हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान उन्हें सड़क, संचार और बिजली की शीघ्र बहाली के साथ-साथ पेयजल व खाद्यान्न आपूर्ति की सघन निगरानी एवं त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में 24 घंटे जुटी सभी टीमों के साहस और समर्पण की सराहना करता हूं। विषम परिस्थितियों में भी इन दलों की निष्ठा और कार्यकुशलता आपदा प्रबंधन में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।

गंगोत्री हाईवे जगह-जगह क्षतिग्रस्त
मंगलवार को हर्षिल घाटी में तीन जगह बादल फटने से आए सैलाब व मलबे की वजह से धराली गांव में कई बहुमंजिला होटल और रेस्टोरेंट जमींदोज हो गए थे। वहीं कई लोग मलबे में फंस गए थे। हालांकि पहले दिन खीर गंगा में बार-बार आ रहे मलबे और गंगोत्री हाईवे के जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने के कारण प्रशासनिक अमला और अन्य राहत टीमें घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाईं थीं, लेकिन बुधवार को मौसम खुलने के बाद हेलिकॉप्टरों ने उड़ान भरी और बचाव दल मौके पर पहुंच गए।

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धराली गांव और हर्षिल स्थित सेना के कैंप में आए मलबे के दूसरे दिन बुधवार को तेजी से जिंदगियों की तलाश शुरू जारी है। सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें हेलिकॉप्टर से खोज और बचाव कार्य में जुटी रहीं। इस दौरान दो शव मिले हैं, जिससे अब मृतकों की संख्या छह हो गई है। वहीं, हर्षिल में मलबे में फंसे 11 जवानों समेत 13 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। जिला प्रशासन के अनुसार सेना के 10 जवान समेत 20 लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। वहीं आशंका यह भी है कि यह संख्या और बढ़ सकती है।

उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से मची तबाही के बाद बुधवार दोपहर मौसम खुलने पर बचाव अभियान ने जोर पकड़ा। जिला प्रशासन के अनुसार सेना के दो घायल जवानों को हेलिकॉप्टर से हायर सेंटर भेजा गया है। धराली के आठ स्थानीय युवक, नेपाली मूल के दो व्यक्ति और सेना के 10 जवान समेत 20 लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। वहीं, आशंका यह भी है कि यह संख्या और बढ़ सकती है।

धराली में आई आपदा के दूसरे दिन भी रास्ते भूस्खलन की वजह से जगह-जगह बंद थे। जिससे बचाव और राहत कार्य में बाधा आई। भटवाड़ी स्थित हेलीपैड से दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से राहत सामग्री, खाद्य सामग्री और बचाव उपकरण धराली क्षेत्र में पहुंचाई गए। सेना के हेलीकॉप्टर से बचाव कार्य संबंधी भारी मशीनरी पहुंचाई जा रही है। आइटीबीपी, एनडीआरएफ, पुलिस आदि बचाव दल भटवाड़ी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी चट्टान गिरने के कारण आगे नहीं बढ़ सके, पूरा रास्ता ध्वस्त होकर क्षतिग्रस्त हो चुका है।

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