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उत्तराखंड हाईकोर्ट से साइबर ठग को मिली राहत, निचली अदालत को दिए जमानत के निर्देश, कारण जानें…

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नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने साइबर ठग रोहित सोनी की जमानत याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सह अभियुक्तों को मिली जमानत के आधार पर मुख्य आरोपी रोहित सोनी को निजी मुचलका जमा करने पर जमानत पर रिहा करने के आदेश निचली अदालत को दे दिया है।

मामले के अनुसार, साइबर ठग रोहित सोनी समेत उसके गैंग के अन्य सात साथियों पर रुद्रपुर थाने में यह कहकर मुकदमा दर्ज किया गया था कि उनके द्वारा फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों को ठगा जा रहा है। मामला तब सामने आया जब हरबंस लाल नाम के एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत रुद्रपुर थाने में की। शिकायत में कहा गया कि पहले उनके एसबीआई खाते से 5 हजार और बाद में 49 हजार 999 रुपये निकाले गए। पुलिस ने, जिस खाता धारक के अकाउंट पर पैसे ट्रांसफर किए गए, उसमें दर्ज मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया।

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जब मोबाइल को ट्रैक किया गया तो रोहित सोनी समेत उसके अन्य 7 साथी इस साइबर ठगी में लिप्त पाए गए। पुलिस ने उनके पास से 6 मोबाइल, फर्जी पासबुक, एक इंटरनेट डोंगल, स्कैनर मशीन और भरे हुए चेक बुक समेत आधार कार्ड बरामद किए। पुलिस के द्वारा जांच करने के बाद आरोपी रोहित सोनी की ओर से बताया गया कि वह अकेला इस घटना को अंजाम नहीं देता है। बल्कि उसके साथ अजय सैनी, मनोज सैनी, पुष्पेंद्र, सत्यपाल, विश्वकुंज, ऋतिक चौहान और अन्य शामिल है। मामले में शिकायत के आधार पर पुलिस ने उसके अन्य साथियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मुख्य आरोपी रोहित जो ग्वालियर (मध्य प्रदेश) का रहने वाला था, वह फरार चल रहा था। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए 25 हजार रुपए ईनाम की भी घोषणा की थी। बाद में पुलिस की दबिश के बाद उसे रुद्रपुर कोर्ट के सामने से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

इस मामले पर आरोपी के अन्य साथियों को निचली अदालत से जमानत मिल गई थी। लेकिन सत्र न्यायाधीश रुद्रपुर कोर्ट ने रोहित की जमानत याचिका निरस्त कर दी थी। जिसे उसके द्वारा उच्च न्यायलय में चुनौती दी गई। उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए सह अभियुक्तों को मिली जमानत के आधार पर उसे भी जमानत पर रिहा करने के आदेश दे दिए हैं।