देहरादूननवीनतम

देहरादून : दो बच्चों को निवाला बनाने वाला गुलदार हुआ पिंजरे में कैद, वन विभाग ने ली राहत की सांस

ख़बर शेयर करें -

देहरादून में दहशत का पर्याय बने गुलदार को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है। गुलदार आज गुरुवार 7 मार्च की सुबह पिंजरे में फंसा मिला। माना जा रहा है कि किमाड़ी में इसी गुलदार ने बच्चे को मार दिया था। वन विभाग की टीम गुलदार को पकड़ने की कोशिश में जुटी हुई थी, लेकिन गुलदार की मौजूदगी कहीं भी नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में अब गुलदार के पिंजरे में फंसने के बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली है। माना जा रहा है कि इसी गुलदार ने दो बच्चों को निवाला बनाया था।

मालूम हो कि गत 26 दिसंबर की रात को अभिमन्यु क्रिकेट अकादमी से थोड़ी दूर पर स्थित सिंगली गांव में गुलदार ने चार साल के अयांश को निवाला बना लिया था। इसके कुछ दिनों बाद ही गुलदार ने रिस्पना नदी के पास एक बच्चे पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इसके बाद बीती 25 फरवरी को ही देहरादून के गल्जवाड़ी क्षेत्र के किमाड़ी के मराड़ी चक की गुर्जर बस्ती में गुलदार ने एक 10 साल के बच्चे को मार डाला था। इन घटनाओं के बाद लोगों में वन विभाग के खिलाफ रोष भरा हुआ था।

मसूरी वन प्रभाग में एक गुलदार आज सुबह पिंजरे में फंसा हुआ मिला। वन विभाग की मानें तो कई दिनों से इस गुलदार की लोकेशन मसूरी वन प्रभाग में मिल रही थी। इसलिए इस क्षेत्र में भी पिंजरे लगाए गए थे। खास बात ये है कि 25 फरवरी को किमाड़ी क्षेत्र में रहने वाली गुर्जर परिवार के एक बच्चे को गुलदार ने अपना शिकार बनाया था। जिसके बाद से ही इस पूरे क्षेत्र में दहशत बनी हुई थी। बड़ी बात ये है कि यह मामला विधानसभा में भी उठाया गया। गुलदार के बढ़ते हमले और वन विभाग की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े किए गए। इसके बाद से ही वन विभाग गुलदार को पकड़ने के लिए मशक्कत में जुटा हुआ था। वहीं, अब मसूरी वन प्रभाग क्षेत्र में गुलदार के पिंजरे में फंसने के बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली है। बताया जा रहा है कि यह गुलदार करीब 5 से 6 साल का नर गुलदार हैं। इसी ने किमाड़ी में बच्चे को अपना शिकार बनाया था। इतना ही नहीं पिछले साल दिसंबर महीने में मसूरी क्षेत्र से ही घर के आंगन में खेल रहे बच्चे को करने वाला भी यही गुलदार बताया जा रहा है। दरअसल, उस गुलदार की भी विभाग लगातार खोजबीन कर रहा था, लेकिन उसे भी अब तक नहीं पकड़ा जा सका था। ऐसे में अब देहरादून और मसूरी दोनों ही वन प्रभाग ने राहत की सांस ली है।