देहरादून : कलयुगी मामा ने भांजे को किडनैप कर दो लाख में बेचा, खुद के बच्चों का भी किया सौदा, 4 अरेस्ट

देहरादून। राजधानी पुलिस ने बच्चों का अपहरण कर उन्हें बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के 4 सदस्यों को उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है। आरोपियों की बताई जगह से अपहृत 2 साल के बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया है। आरोपियों ने दो लाख रुपए में बच्चे का सौदा किया था। पुलिस पूछताछ में एक आरोपी राकेश ने ये भी बताया है कि वो खुद अपने दो बच्चों का सौदा भी कर चुका है।

कैंट थाना पुलिस के मुताबिक, बीती 2 जनवरी 2025 को मानसिक रूप से कमजोर पीड़िता (निवासी यमुना कॉलोनी देहरादून) ने शिकायत दर्ज कराई कि उसके दो बेटों (5 वर्षीय और 2 वर्षीय) का अपहरण हो गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए कैंट थाना पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की। जांच के दौरान यमुना कॉलोनी में आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर पीड़िता के घर में राकेश (पीड़िता का ममेरा भाई) नाम के व्यक्ति के आने-जाने की पुलिस को जानकारी मिली।
मुकदमा दर्ज होने के बाद 2 जनवरी की शाम को ही राकेश ने पीड़िता के अपहरण हुए बड़े बेटे को यमुना कॉलोनी के गेट पर छोड़ दिया, जिसे लोगों ने देखा और पुलिस को जानकारी दी। लेकिन छोटे बेटे की कोई जानकारी नहीं मिल पाई।
पुलिस ने पीड़िता के परिजनों से पूछताछ की। पता चला कि 16 दिसंबर 2024 को पीड़िता (जो मानसिक रुप से कमजोर है) और उसके दोनों बच्चों के साथ राकेश और एक अन्य बुजुर्ग महिला को यमुना कॉलोनी में देखा गया था। 30 दिसंबर को राकेश ने पीड़िता को बिजनौर में उसके गांव के पास छोड़ दिया था, जबकि उस दौरान दोनों बच्चे पीड़िता के साथ नहीं थे।
जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि राकेश (निवासी बिजनौर) पिछले 15-16 सालों से सहस्त्रधारा रोड पर रह रहा है। वह ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में माली और सफाई का काम करता है। जांच के दौरान एक अन्य व्यक्ति राहुल (निवासी मुरादाबाद हाल पता आईटी पार्क देहरादून) के साथ अपराध में शमिल होने की जानकारी मिली। राहुल के मोबाइल नंबर की सर्विलांस के माध्यम से जानकारी लेने पर राहुल और राकेश के संपर्क में रहने की पुष्टि हुई। पुलिस जांच में सामने आया कि अपहरण की घटना में राहुल की बेटी तानिया भी शामिल थी और उसने अपहृत बच्चे को अपने पास छिपाया था।
अपहरण के बाद तीनों पकड़े जाने के डर से अपने मोबाइल नंबर बंद कर फरार चल रहे थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि तीनों आरोपी अमरोहा में राहुल की बुआ के घर पर छिपे हुए हैं। देहरादून पुलिस ने आरोपी राहुल की बुआ के घर पर दबिश देते हुए आरोपी राकेश और तानिया को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में राकेश और तानिया ने बताया कि दो वर्षीय बच्चे को धामपुर (बिजनौर) में प्रियंका और सैंटी (बिचौलिया) नाम के व्यक्ति को दो लाख रुपए में बेचा है।
इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को साथ लेकर बताए गए धामपुर कोढीपुर में दबिश देकर प्रियंका और सैंटी को गिरफ्तार किया। पुलिस को प्रियंका और सैंटी से जानकारी मिली कि उन्होंने बच्चे को सरकथल शिवाला (बिजनौर) में एक परिवार को बेचा है। पुलिस टीम ने आरोपियों की बताई जगह पर अपहृत बच्चे को सरकथल शिवाला से बरामद किया।
एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक आरोपी राकेश साल 2004 से देहरादून में साफ-सफाई का कार्य कर रहा है। राहुल भी उसके साथ साफ-सफाई का काम करता है। दिसंबर 2024 में राहुल की बेटी तानिया ने उसे बताया कि धामपुर में प्रियंका नाम की एक महिला उसके साथ काम करती है और उसकी जान पहचान के एक व्यक्ति को एक बच्चे की जरूरत है, जिसके एवज में उन्हें अच्छा पैसा मिल सकता है। जिस पर राकेश ने अपने मामा की लड़की (पीड़िता), जो मानसिक रूप से कमजोर है और उसके 2 बच्चों को बेचने की योजना बनाई। 16 दिसंबर को राकेश, पीड़िता को बहला-फुसलाकर उसके 2 बच्चों के साथ अपने साथ ले गया। जहां राकेश ने राहुल और तानिया के साथ मिलकर पीड़िता के 2 साल के बच्चे को धामपुर में प्रियंका और सैंटी को 2 लाख रुपए में बेच दिया और पैसों को आपस में बांट लिया।
एसएसपी ने आगे बताया कि राकेश ने 30 दिसंबर को पीड़िता को उसके घर झालु बिजनौर के पास छोड़ा दिया। पीड़िता द्वारा पुलिस में शिकायत किए जाने की जानकारी होने पर राकेश ने पकड़े जाने के डर से उसके बड़े बेटे को 2 जनवरी को यमुना कॉलोनी में उसके घर के पास छोड़ दिया था। आरोपियों से पूछताछ में आरोपी राकेश ने तानिया और राहुल के साथ मिलकर अपने खुद के दोनों बच्चो को भी बेचने की जानकारी दी है। फिलहाल फरार आरोपी राहुल की तलाश की जा रही है।