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चम्पावत में दिव्यांगों की हुई फजीहत, सात घंटे देर से लगा शिविर

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चम्पावत। जिला अस्पताल में मनोचिकित्सा शिविर में दिव्यांगों को परीक्षण के लिए पूरे सात घंटे से अधिक का इंतजार करना पड़ा। इस वजह से दिव्यांगों और उनके तीमारदारों को भारी दुश्वारी झेलनी पड़ी। देरी की वजह शिविर में आने वाले डॉक्टर का नहीं पहुंचना था। इसकी जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दूसरे जिले से मनोचिकित्सक का प्रबंध कर शाम साढ़े पांच बजे बाद शिविर शुरू करवाया।


चम्पावत में शुक्रवार को मनोचिकित्सा शिविर सुबह दस बजे से शुरू होना था। परीक्षण के बाद दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बनने थे। दो घंटे में 340 दिव्यांगों का पंजीकरण भी हो गया, लेकिन दोपहर 12 बजे तक नैनीताल जिले के मनोचिकित्सक नहीं पहुंचे। पता चला कि वे किसी जरूरी कारण से नैनीताल से चले ही नहीं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि आनन फानन में पिथौरागढ़ जिले से मनोचिकित्सक डॉ. कपिल उपाध्याय को बुलवा कर शाम पांच बजे शिविर शुरू कराया जा सका।
एसीएमओ डॉ. इंद्रजीत पांडेय ने बताया कि नैनीताल के मनोचिकित्सक के नहीं पहुंचने के बाद पिथौरागढ़ के डॉक्टर से संपर्क करने में समय लगा। एक बजे के बाद पिथौरागढ़ के डॉ. कपिल उपाध्याय से संपर्क कर उनकी सेवाएं ली गईं। एसीएमओ ने कहा कि शिविर में परीक्षण के बाद सभी दिव्यांगों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। वहीं शिविर में देरी से बनबसा, खटोली, पाटी, बाराकोट, लोहाघाट आदि से आए दिव्यांग और उनके तीमारदारों को भारी फजीहत झेलनी पड़ी।

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड