लोहाघाट : 30 करोड़ की लागत से बनी कोलीढेक झील का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
पर्यटन की संभावनाओं को और बढ़ाने पर दिया जोर, पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान

लोहाघाट/चम्पावत। लोहाघाट में देवदार के घने वृक्षों के बीच स्थित कोलीढेक झील अब चम्पावत जनपद का एक उभरता हुआ प्रमुख पर्यटन स्थल बनता जा रहा है। इसकी नैसर्गिक सुंदरता, शांत वातावरण और रोमांचकारी अनुभवों को देखते हुए जिलाधिकारी मनीष कुमार ने गुरुवार को झील का स्थलीय निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान पर्यटकों के लिए बैठने के लिए अतिरिक्त सीटों की व्यवस्था, नावों के संचालन के लिए रैंप का विस्तार और झील परिसर में फूलों एवं हरियाली से सौंदर्यीकरण किए जाने पर विस्तृत चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने स्वयं झील में मछलियों के लिए दाना डाला और कहा कि मछली आहार का निर्माण स्थानीय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से कराया जाए, जिससे उनकी आजीविका में वृद्धि हो सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट निर्देश दिए कि झील क्षेत्र में होने वाले सभी विकास कार्य पर्यावरण संरक्षण की भावना के तहत हों, ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहे और स्थायी पर्यटन को बढ़ावा मिले। झील के आसपास खतरनाक व पुराने पेड़ों के कटान को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा की गई, ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि इस क्षेत्र में बढ़ते पर्यटकीय रुझान के साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं और आने वाले समय में कोलीढेक झील उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हो सकती है।
