डॉक्टर अभया कांड के विरोध में लोहाघाट व बनबसा के चिकित्सक भी सड़कों पर उतरे
चम्पावत/लोहाघाट/बनबसा। कोलकाता में महिला डॉक्टर (डॉक्टर अभया कांड) तथा रुद्रपुर मे नर्स की दुष्कर्म के बाद हुई निर्मम हत्या के विरोध में लोहाघाट व बनबसा के चिकित्सक भी आज शनिवार को कार्यबहिष्कार पर रहे। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य संघ के आह्वान पर लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय के चिकित्सक व चिकित्सा स्टाफ ओपीडी सेवा पूरी तरह बंद कर हड़ताल पर रहा।
सीएमएस डॉ. विराज राठी के नेतृत्व में हड़ताल पर गए चिकित्सकों ने आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की। कहा कि चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए प्रोटेक्शन एक्ट बना है, पर पुलिस के द्वारा अपराधियों पर यह एक्ट नहीं लगाया जाता है। उन्होनें पुलिस से चिकित्सकों/ चिकित्सा स्टाफ पर हमले के आरोपियों पर प्रोटेक्शन एक्ट लगाने की मांग की है, ताकि भविष्य में बड़ी घटनाएं न हो सकें। इसी के साथ चिकित्सकों ने रात में पुलिस सुरक्षा की भी मांग उठाई। बताया गया कि 3 दिन पहले लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में एक महिला चिकित्सक के साथ भी मरीज के तीमारदारों के द्वारा शराब के नशे में अभद्रता की गई तथा आए दिन चिकित्सकों के साथ अभद्रता की जाती है। जिस कारण यहां भी महिला चिकित्सकों में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है। प्रदर्शन करने वालों में डॉ. विराज राठी, डॉ. करन बिष्ट, डॉ. मानसी, डॉ. रितु, डॉ. कृतिका, डॉ. सोनाली, फार्मासिस्ट मुकुल राय, नवीन कनौजिया, किरन राय, नाजमा, अंशु मिश्रा, बिक्रम सिंह, सचिन, संजय दताल, संजय, निर्मल भंडारी, रंजना चंद, बबीता बिष्ट, दीपक बिष्ट, संदीप वर्मा, भास्कर गड़कोटी शामिल रहे।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनबसा में स्वास्थ्य कर्मी भी रहे बहिष्कार पर
बनबसा। कोलकाता में रेजिडेंट् महिला चिकित्सक (डॉक्टर अभया कांड) के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में आइएमए के आह्वान पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनबसा के चिकित्सक भी कार्यबहिष्कार पर रहे। डॉ. मुकेश के नेतृत्व में ओपीडी के कार्यबहिष्कार पर चिकित्सकों व स्टाफ ने प्रदर्शन किया। सभी ने मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की। साथ ही पीड़ित परिवार को न्याय दिए जाने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी संगीता बोहरा, बीना ज्याल, अमित जोशी, प्रकाश भट्ट, गणेश चंद आदि मौजूद रहे। मालूम हो कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रत्येक दिन लगभग 50 ओपीडी होती है। हड़ताल की वजह से मरीज खासे परेशान रहे।