उत्तराखंड-दिल्ली रूट पर चलने लगीं इलेक्ट्रिक बसें, मिल रही हैं ये सुविधाएं

देहरादून-दिल्ली रूट पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू हो गया है। शनिवार को आईएसबीटी से परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने हरी झंडी दिखाकर बसों को रवाना किया। उन्होंने कहा कि एक साल के भीतर 610 नई बसें रोडवेज के बेडे में शामिल होंगी। इसमें 150 इलेक्ट्रिक बसें होंगी। इसमें कुछ अनुबंधित तो कुछ रोडवेज की खुद की बसें होंगी। बसों के लिए एडीबी निगम को 300 करोड़ रुपये देगा। सभी जिलों में चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे।
शनिवार दोपहर आईएसबीटी में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद इलेक्ट्रिक बस को रवाना किया गया। मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि पहले चरण में पांच बसें चल रही हैं। जल्द इनकी संख्या में 150 हो जाएगी। बताया कि एक साल के भीतर 610 बसें रोडवेज के बेड़े में शामिल होंगी। उन्होंने कर्मचारियों के देय भुगातन, बोनस और डीए की मांगों के निराकरण का भी आश्वासन दिया। मंत्री ने आईएसबीटी का निरीक्षण भी किया। उन्होंने आईएसबीटी का रखरखाव देख रही रैम्की कंपनी को चेताया।


दो दिन पहले सीएम ने किया था निरीक्षण
दो दिन पहले सीएम के निरीक्षण में कई कमियां मिली हैं। चेताया कि यदि कंपनी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं लाती है तो कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए रोडवेज के बस अड्ढों और डिपो में स्टॉल लगाए जाएंगे। देहरादून के हरबर्टपुर और रामनगर में नया डिपो बनाया जा रहा है। परिवहन मंत्री चंदन रामदास और वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि कलियर में 50 बेड का आयुष अस्पताल बनाया जाएगा।
बस में आरामदायक होगा सफर
45 सीटर बसों में सफर आरामदायक होगा। इंजन नहीं होने से वाहन में आवाज नहीं होगी। एक बार चार्ज करने पर बस 300 किमी चलेगी। एक यूनिट बिजली में यह बस एक किलोमीटर तक चलेगी। बसें सुपर लक्जरी श्रेणी की हैं, जिसमें आरामदायक सीटें, मोबाइल चार्जिंग, रीडिंग लाइट और अधिक लैग स्पेस है।
