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उचौलीगोठ में हाथी ने फलदार वृक्ष उजाड़े, नायकगोठ में हाथी ने रौंदी गेहूं की फसल, बमनपुरी में नील गाय और सुअरों का उत्पात

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टनकपुर। शारदा वन रेंज से सटे उचौलीगोठ में जंगल से निकलकर एक हाथी तोड़ फोड़ कर रहा है। ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथी से निजात दिलाने और मुआवजे की मांग उठाई है। रेंजर पीसी जोशी ने बताया कि वन कर्मी निरंतर गश्त कर रहे हैं।

समाजसेवी गणेश महर के साथ ग्रामीणों ने बताया कि रविवार को हाथी ने अमर सिंह की चक्की को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद बच्चीनाथ महर के बगीचे में लीची के एक पेड़ को तोड़ा और अनेक पेड़ों की टहनियों को तोड़ डाला। ग्रामीण प्रकाश सिंह बोरा और विशन सिंह बोरा के घर के आंगन में पहुंचकर नलों को भी तोड़ दिया। समाजसेवी महर ने विभाग से प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग उठाई। बताया कि पिछले दो दिनों से अकेला हाथी अक्सर गांव में घुसकर नुकसान पहुंचा रहा है। इस मामले में रेंजर जोशी ने बताया कि सोलर फेंसिंग का कार्य चल रहा है। उन्होंने ग्रामीणों से अकेले हाथी को लेकर सतर्कता बरतने को कहा है।

नायकगोठ में हाथी ने रौंदी गेहूं की फसल

टनकपुर। शारदा वन रेंज से सटे के गांवों में हाथी का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाथी ने सोमवार की रात को नायकगोठ गांव में घुसकर तीन ग्रामीणों डिगर सिंह, उमेद सिंह महर और मदन राम की गेहूं की फसल को रौंद दिया। इससे ग्रामीणों में भय व्याप्त है। ग्राम प्रधान भवानी देवी ने प्रभावित किसानों को मुआवजा देने और रात्रि गश्त की मांग की है। किसानों को मुआवजा देने और रात्रि गश्त की मांग की है।

बमनपुरी में नील गाय और सुअरों का उत्पात
बनबसा। बनबसा के बमनपुरी गांव में जंगली जानवरों के उत्पात से किसान परेशान हैं। नील गाय और जंगली सुअर आए दिन बमनपुरी में खेतों में फसल रौंद कर नष्ट कर रहे हैं। वहीं कभी-कभी हाथी भी किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं।
बमनपुरी स्थित स्ट्रांगफार्म के सचिव युजिन जार्ज ने बताया है कि जंगली सुअर खेतों में घुसकर फसल समेत जमीन खोद दे रहे हैं, जिससे काफी नुकसान हो रहा है। अब तक फार्म की छह से सात बीघा जमीन पर जंगली जानवरों ने नुकसान किया है। पूर्व प्रधान गिरधारी लाल ने बताया कि गेहूं की फसल तैयार होते ही गांव में नील गाय का उत्पात शुरू हो जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि नील गाय और जंगली सुअर अब तक बमनपुरी में 12 से 15 किसानों की करीब 10 से 12 बीघा जमीन पर लगी फसल को रौंदकर कर नष्ट कर चुके हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। प्रधान भावना नेगी ने बताया कि उन्होंने कई बार शासन प्रशासन से गांव की सीमा पर सोलर फेंसिंग कराने की मांग की है।