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चम्पावत : फसल बीमा क्लेम में भेदभाव से किसानों में नाराज़गी, जांच के आदेश

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चम्पावत। फसल बीमा कम्पनी एसबीआई जनरल इंश्योरेंस द्वारा जारी किए गए बीमा क्लेम में किसानों के बीच भेदभाव की शिकायतें सामने आई हैं। जिसको लेकर किसानों में रोष है। उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। डीएम ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।

विकासखंड चम्पावत के अंतर्गत सहकारिता विभाग की आठ समितियों में किसानों को मौसम आधारित फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अक्टूबर 2024 से मई 2025 तक वितरित ऋणों पर 5 प्रतिशत बीमा प्रीमियम की दर से बीमा कराया गया था। हालांकि, फसल बीमा कम्पनी एसबीआई जनरल इंश्योरेंस द्वारा जारी किए गए बीमा क्लेम में किसानों के बीच भेदभाव की शिकायतें सामने आई हैं। जानकारी के अनुसार, टनकपुर और धुरा समिति के किसानों को जहां 35 प्रतिशत क्लेम का भुगतान किया गया है, वहीं चम्पावत, सिप्टी, कोट अमोड़ी समितियों के किसानों को केवल 5 प्रतिशत तथा मंच, सीमिया और हरतोला समितियों के किसानों को मात्र 1.30 प्रतिशत क्लेम का भुगतान किया गया है। किसानों का कहना है कि विकासखंड का भौगोलिक क्षेत्र और मौसम का प्रभाव सभी समितियों में लगभग समान रहता है, ऐसे में अलग-अलग दर से फसल बीमा क्लेम दिया जाना अनुचित है। इससे किसानों में असंतोष और नाराज़गी व्याप्त है।

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इस संबंध में धुरा समिति अध्यक्ष महेश चंद्र चौड़ाकोटी, मंच समिति अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, हरतोला समिति के सूरज सिंह, सीमिया समिति के रघुवर सिंह, कोट अमोड़ी समिति अध्यक्ष मीना बोहरा, पूर्व अध्यक्ष विकास साह, देवीदत्त जोशी, मोहन चंद्र जोशी सहित अन्य पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी से मिलकर मामले को संज्ञान में लेने की मांग की। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने किसानों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को मामले की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि बीमा कंपनी से तथ्यात्मक जानकारी लेकर समान परिस्थितियों में भिन्न क्लेम देने के कारणों की जांच की जाएगी, ताकि किसानों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय न हो।