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आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू हुए गिरफ्तार, भ्रष्टाचार के मामले में हुई कार्रवाई

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आंध्र प्रदेश के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के मामले में हुई है। नायडू के खिलाफ 2021 में मामला दर्ज किया गया था। साथ ही आंध्र प्रदेश पुलिस ने टीडीपी नेता और पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश को भी पूर्वी गोदावरी जिले में हिरासत में लिया।

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के वक्त पुलिस को उनके समर्थकों का भारी विरोध झेलना पड़ा।

टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू के वकील ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हाई ब्लड प्रेशर और शुगर का पता चलने के बाद सीआईडी चंद्रबाबू को मेडिकल जांच के लिए ले गई है। हम जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू इसी बस में कर रहे थे आराम। पुलिस ने उन्हें इस बस से निकाल कर किया गिरफ्तार। गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने बस को पूरी तरह से घेर लिया था।

नंदयाल रेंज के पुलिस डीआइजी रघुरामी रेड्डी और अपराध जांच विभाग (सीआइडी) के नेतृत्व में पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने नंदयाल के आरके फंक्शन हॉल में स्थित नायडु के शिविर पर धावा बोलकर उन्हें गिरफ्तार किया। ये कार्रवाई सुबह के करीब तीन बजे की गई। चंद्रबाबु नायडु के गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को वहां मौजूद टीडीपी समर्थकों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा। समर्थकों ने पुलिस को चंद्रबाबू नायडु के वाहन के पास जाने से रोक रहे थे, लेकिन सुबह के छह बजे पुलिस ने नायडू को उनके वाहन से बाहर निकाला और गिरफ्तार किया। डीआईजी ने कहा उन्हें एपी कौशल विकास निगम घोटाले में गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तारी के बाद चंद्रबाबू नायडू ने मीडिया से कहा, ‘मैं किसी भी भ्रष्टाचार मामले में शामिल नहीं हूं। सीआईडी बिना किसी सबूत के मुझे गिरफ्तार किया है। मैंने जब उनसे सबूत मांगा तो उन्होंने मुझे दिखाने से इनकार कर दिया और मेरा नाम एफआईआर में जोड़ दिया।’ जानकारी के मुताबिक, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 50(1)(2) के तहत जारी नोटिस के अनुसार नायडू को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120(8), 166, 167, 418, 420, 465, 468, 471, 409, 201, 109आरडब्ल्यू और 37 के तहत गिरफ्तार किया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि यह गैर जमानती अपराध है। इस मामले में अब केवल अदालत द्वारा ही जमानत मिल सकती है।