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नेपाल से फरार चार कैदी उत्तराखंड में गिरफ्तार, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एसएसबी ने दबोचे

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पिथौरागढ़। नेपाल से फरार 4 कैदियों को एसएसबी के जवानों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ करते हुए दबोचा है। ये चारों कैदी नेपाल Gen Z आंदोलन के दौरान हिंसक प्रदर्शन के बीच जेल से फरार हो गए थे। जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के झूलाघाट क्षेत्र में भारतीय सीमा में अवैध रूप से प्रवेश करते हुए पकड़े गए। एसएसबी के मुताबिक, चार नेपाली नागरिक रबर ट्यूब की सहायता से काली नदी पार कर देवताल के रास्ते भारतीय सीमा में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे। उनका यह प्रयास उस समय नाकाम हुआ, जब सीमा पर लगातार गश्त कर रही सशस्त्र सीमा बल की पेट्रोलिंग टीम ने उन्हें देख लिया। जिसके बाद तत्परता से कार्रवाई करते हुए चारों को पकड़ लिया गया।

प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि चारों लोग नेपाल की विभिन्न जेलों से फरार कैदी हैं, जिन्होंने हाल ही में नेपाल में चल रहे Gen Z आंदोलन की अफरा-तफरी का फायदा उठाकर जेल से भागने में सफलता पाई थी। कैदियों को पकड़ने के बाद सशस्त्र सीमा बल ने नेपाल पुलिस से जानकारी साझा की गई। साथ ही अपराधियों की सूची से इनके पहचान का मिलान किया।

पूछताछ में ये भी सामने आया कि ये सभी कैदी भारत के रास्ते से अन्य स्थानों पर भागने की योजना बना रहे थे। सशस्त्र सीमा बल ने तत्परता से स्थानीय पुलिस को सूचित किया। फिर उनकी मौजूदगी में गहन पूछताछ शुरू की। एसएसबी जवानों ने कैदियों को झूलाघाट से 38 किलोमीटर दूर भारतीय सीमा में देवताल मंदिर के पास से दबोचा है।

गिरफ्तार कैदियों के नाम-
— धर्मेंद्र चंद्र पुत्र डबल बहादुर चंद (उम्र 26 वर्ष), निवासी- पञ्चेश्वर गांव पालिका, वार्ड नं. 4, जिला बैतड़ी, नेपाल
— तर्कराम लुहार पुत्र काशी राम लुहार (उम्र 22वर्ष), निवासी- द. नगर पालिका, वार्ड नं. 1, जिला बैतड़ी, नेपाल
— सूरज साउद पुत्र दान बहादुर साउद (उम्र 24 वर्ष) निवासी- बेलडाडी नगर पालिका, वार्ड नं. 2, जिला कंचनपुर, नेपाल
— आशिक पहरी पुत्र लक्ष्मण पहरी (उम्र 31 वर्ष), निवासी- पाटन नगर पालिका, वार्ड नं. 6, जिला बैतड़ी, नेपाल

बलात्कार और हत्या जैसे मामलों में ठहराए गए हैं दोषी…

इनमें से 3 कैदी जबरजस्ती करणी (बलात्कार) जैसे गंभीर अपराधों में दोषी पाए गए हैं। जबकि, चौथा कैदी (कर्तव्य ज्यान) हत्या के मामले में आरोपी है। इन सभी को नेपाल की अदालतों की ओर से दोषी ठहराया गया था। जिन्हें लंबी कारावास की सजा सुनाई गई थी।

भारत और नेपाल के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। जिसे रोटी-बेटी की संज्ञा भी दी जाती है। ऐसे में दोनों देशों की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग की भावना इस घटना में भी दिखाई दी। नेपाल पुलिस ने भी अपराधियों की सूची साझा की। जिस पर एसएसबी ने तत्परता से मिलान कर पहचान सुनिश्चित की।

वर्तमान में चारों कैदी सशस्त्र सीमा बल की हिरासत में हैं और स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के दौरान उनके भारत में संभावित ठिकानों और आगे की योजनाओं की जानकारी जुटाई जा रही है।

इसके साथ ही नेपाल सरकार को इस घटना की सूचना दे दी गई है। तमाम औपचारिक प्रक्रिया पूरा करने के बाद चारों को नेपाल पुलिस को सौंपा जाएगा। चारों कैदियों को 55वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के जवानों ने पिथौरागढ़ जिले के झूलाघाट से पकड़ा है। यह क्षेत्र भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है। जहां सीमा को काली नदी बांटती है।

“वर्तमान में पकड़े गए चारों कैदी सशस्त्र सीमा बल के हिरासत में है. स्थानीय पुलिस की मौजूदगी पूछताछ करने के साथ ही अन्य जानकारी जुटाई जा रही है. नेपाल सरकार को इसकी जानकारी दे गई दी है. सभी कार्रवाई करने के बाद नेपाल पुलिस का सौंप दिया जाएगा. एसएसबी लगातार सीमा पर नजर बनाए हुई है. हर आने जाने वाले व्यक्ति की पूरी जांच की जा रही है.”- आशीष कुमार, कमांडेंट, 55वीं वाहनी, एसएसबी