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अच्छी खबर : चम्पावत में इसी माह से मिलेगी डायलिसिस की सुविधा

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चम्पावत। चम्पावत जिले में इसी माह डायलिसिस (रक्तशोधन) की सुविधा मिलने लगेगी। हंस फाउंडेशन के सहयोग से डायलिसिस की तीन मशीनें लगाई जा चुकी हैं। इन मशीनों के लगने से लोगों को रक्तशोधन के लिए हल्द्वानी या अन्य जगह नहीं जाना होगा। इससे उनके समय और आर्थिक बचत भी होगी।
जिले में 23 छोटे-बड़े सरकारी अस्पताल हैं, लेकिन इनमें से किसी में भी डायलिसिस की सुविधा नहीं है लेकिन अब जल्द ही इस स्थिति में बदलाव होगा। डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है, जब किसी व्यक्ति के गुर्दे सही तरीके से काम नहीं करते हैं। अमूमन लंबे समय से मधुमेह के रोगियों, उच्च रक्तचाप के रोगियों को डायलिसिस की जरूरत होती है। स्वस्थ गुर्दे में जल और खनिज का सामंजस्य होता है। इसलिए हंस फाउंडेशन के सहयोग से जिला अस्पताल में डायलिसिस की तीन मशीनें लग चुकी हैं। यह सुविधा डेढ़ माह के भीतर शुरू हो जाएगी।

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डायलिसिस के लिए स्टाफ भी हंस फाउंडेशन का
चम्पावत। डायलिसिल यूनिट का संचालन भी हंस फाउंडेशन करेगा। इसके लिए बाकायदा प्रशिक्षित कार्मिक तैनात कर दिया गया। हंस फाउंडेशन के प्रतिनिधि अरविंद बिष्ट डायलिसिस प्रभारी बनाए गए हैं। बलवीर सिंह नर्सिंग स्टाफ और कुलदीप सिंह वार्डब्वॉय के रूप में भेजे गए हैं। इसी सप्ताह फाउंडेशन के डॉक्टर भी यहां पहुंच जाएंगे। हंस फाउंडेशन के प्रतिनिधि ने बताया कि डायलिसिस के लिए मरीजों को एक भी रुपया नहीं देना होगा।

चम्पावत के जिला अस्पताल में डायलिसिस की तीनों मशीनें लग चुकी हैं। इसके संचालन के लिए पेयजल व्यवस्था को बेहतर किया जा रहा है। एक व्यक्ति की डायलिसिस करने के लिए करीब 500 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। जल्द से जल्द इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा। – डॉ. एचएस ऐरी, पीएमएस, जिला अस्पताल, चम्पावत

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