श्री सिद्ध नरसिंह मंदिर समिति के गोविंद पंगरिया पुन: अध्यक्ष चुने गए, जल्द होगा नई समिति का गठन
चम्पावत। खेतीखान क्षेत्र की सिद्ध वनी में स्थित भव्य श्री सिद्ध नरसिंह मंदिर समिति की बैठक में गोविंद पंगरिया को पुन: अध्यक्ष चुना गया। समिति के शेष पदाधिकारियों व सदस्यों का चयन समिति की अगली बैठक में होगी। रविवार को मंदिर प्रांगण में हुई बैठक में मंदिर निर्माण का आय व्यय का पूरा विवरण प्रस्तुत किया गया। बताया गया कि मंदिर के निर्माण के लिए आस्थावान/समर्पित भक्तों से जितनी आय अर्जित हुई, उसी के सापेक्ष खर्च भी हुआ है। वर्तमान में सम्पूर्ण देनदारी चुकता कर समिति के पास 15 हजार शेष बचे हैं। समिति के पास अब किसी का बकाया नहीं रहा है। जिसका विवरण मंदिर निर्माण समिति के अभिलेखों में अंकन कर उपस्थित सदस्यों के संज्ञान में रखते हुए संरक्षित कर लिया गया है। कहा गया कि वर्तमान में यह समिति मंदिर निर्माण के उद्देश्य से संचालित की जा रही थी। सभी भक्तों के सहयोग से वह उद्देश्य लगभग पूर्ण हो चूका है। बताया गया कि अध्यक्ष गोविन्द पंगरिया ने समय के अभाव के कारण का हवाला देते हुए समिति के अध्यक्ष बने रहने असमर्थता जाहिर करते हुए पुरानी निर्माण समिति को भंग कर दिया गया है। वह चाहते हैं कि युवाओं समिति की कमान संभालने के लिए आगे आएं।
बैठक में विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया गया कि मंदिर समिति का नए सिरे से गठन किया जाए। बैठक में उपस्थित लोगों ने एक स्वर में गोविंद पंगरिया से पुन: अध्यक्ष पद संभालने का अनुरोध किया गया। जिला पंचायत सदस्य विजय सिंह बोहरा ने गोविन्द पंगरिया के नाम नए अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित किया। जिसका अनुमोदन संजय जुकड़िया ने किया। उपस्थित लोगों ने ध्वनिमत से यह प्रस्ताव पारित कर दिया। तय हुआ कि समिति का विस्तार एवं अन्य पदाधिकारी का चयन नव नियुक्त अध्यक्ष गोविंद पंगरिया के निर्देश पर नई तिथि निर्धारित कर बैठक कर किया जाएगा। समिति के गठन के बाद मंदिर के नए कार्यों को गति दी जाएगी। बताया गया कि मंदिर में पानी के लिए उचित प्रबंध करने के साथ ही सुरक्षा दीवार, पर्किंग, मंदिर में पारंपरिक पूजा व्यवस्था को सुव्यवस्थित एवं सुचारू किए के कार्य किए जाने हैं। बैठक में भव्य मंदिर के निर्माण के लिए समस्त क्षेत्रीय जनता, सहयोग करने वाले लोगों के साथ ही समिति के कर्मठ व सक्रिय कार्यकर्ताओं का आभार जताया गया। बैठक में महामंत्री सुरेंद्र बोहरा, मुख्य व्यवस्थापक गोपाल मनराल, महराज पूरन गिरि जी, महराज जमुना गिरि जी आदि उपस्थित रहे।