हल्द्वानी : बेटे का पार्थिव शरीर देख बिलख पड़े परिजन, NSG कमांडो के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़, बड़े भाई ने दी मुखाग्नि
हल्द्वानी। एनएसजी कमांडो नरेंद्र भंडारी का पार्थिव शरीर बिंदुखत्ता पहुंचने से पहले ही अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर ग्रामीणों का हुजूम लगा था। गुरुवार तड़के बेटे का शव घर पहुंचते ही मां बेसुध हो गईं। चित्रशिला घाट में नरेंद्र की अंत्येष्टि की गई।
बिंदुखत्ता के खैरानी नंबर दो निवासी नरेंद्र कुमार भंडारी (31) की मूल तैनाती भारतीय सेना में थी। फिलहाल वह प्रतिनियुक्ति पर एनएसजी में दिल्ली में तैनात थे। मंगलवार को दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई थी। घटना की सूचना मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया था। गुरुवार सुबह पार्थिव शरीर बिंदुखत्ता पहुंचा तो परिजनों के करुण कंद्रन से घर गूंज उठा। सेना के जवानों ने अंतिम रस्म पूरी कर कमांडो नरेंद्र को भारतीय झंडे से लपेटकर भारत माता की जय के नारे के साथ अंतिम यात्रा शुरू की तो हर किसी आम और खास की आंखे नम थीं। सुबह करीब 10 बजे रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट में कमांडो नरेंद्र सिंह भंडारी को अंतिम सलामी दी गई।
इसके बाद मुखाग्नि बड़े भाई माधो सिंह भंडारी एवं जसवंत सिंह भंडारी ने दी। वहीं, पूर्व सैनिक संगठन एवं कुमाऊं रेजीमेंट के जवानों एवं अधिकारियों ने पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि देने वालों में विधायक डॉ. मोहन बिष्ट, पूर्व विधायक नवीन दुम्का, भाजपा नेता इंदर सिंह बिष्ट, कमलेश चंदोला, दीपक जोशी, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष खिलाफ सिंह दानू, सुंदर सिंह खनका, दलबीर सिंह कफोला, प्रकाश मिश्रा, युकां अध्यक्ष पुष्कर दानू सहित सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
बहन हीरा का रो-रोकर बुरा हाल
हीरा की कुछ दिन पहले भाई नरेंद्र से फोन पर आखिरी बार बात हुई थी। बताते हैं कि नरेंद्र ने हीरा को शादी के मौके पर तोहफा देना का वादा किया था। गुरुवार को भाई का शव देख बहन के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। भाई की शवयात्रा निकलते ही बहन पीछे-पीछे दौड़ी चली गई। परिजनों ने हीरा को किसी तरह संभाला और ढाढ़ंस बंधाया। बता दें कि 19 नवंबर को नरेंद्र की शादी होनी थी।
मालूम हो कि पिछले 10 वर्षों से कुमाऊं रेजीमेंट के अंतर्गत एनएसजी कमांडो के रूप में सेवारत नरेंद्र सिंह भंडारी के पिता स्वर्गीय गोपाल सिंह भंडारी भी पूर्व सैनिक रहे हैं, 2 वर्ष पूर्व उनका निधन हो गया था, नरेंद्र भंडारी के बड़े भाई यशवंत सिंह भंडारी बिंदुखत्ता में ही कृषक है, जबकि मझले भाई माधो सिंह रेलवे में लोको पायलट के पद पर कार्यरत हैं, उनकी छोटी बहन हीरा भंडारी तथा मां माधवी देवी सहित पूरे परिवार का पार्थिव शरीर के समक्ष कर बुरा हाल था, उनकी चीख चित्कार सुनकर वहां मौजूद लोग गमगीन हो गए।