चम्पावत में लोगों पर चढ़ने लगा होली का रंग, चीर बंधन के साथ रविवार को हुआ खड़ी होली का शुभारंभ
रविवार को चीरबंधन और रंग पड़ने के साथ ही पहाड़ में राग, फाग और रंगों की इंद्रधनुषी छटा बिखरनी शुरू हो गई है। काली कुमाऊं की होली गायन की शैली के साथ ढोल, झांझन के थाप पर होल्यारों के कदमों की लय और चाल से खूब लोकप्रिय है। रविवार को कनलगांव में पंचबलिया देवता के मंदिर परिसर में चीर बंधन किया गया। यहां पर पंडित प्रकाश चंद्र ओझा ने प्रकाश गिरी से वैदिक मंत्रों के बीच गणेश पूजन के साथ ही चीर का अभिषेक कर बंधन करवाया। इसके बाद होली गायन शुरू हुआ। इस होली में बुजुर्ग होल्यार नारायण दत्त पांडेय, डीके पांडेय, अमर सिंह बोहरा, सुभाष तड़ागी, सभासद मोहन भट्ट, रमेश पांडेय, गौरव कलौनी, नवीन पांडेय समेत तमाम होल्यार मौजूद रहे।
वहीं मांदली मांजगांव में भुवन पांडेय के आवास में पंडित उमाशंकर कुलेठा ने वैदिक मंत्रों के बीच गणेश पूजन के साथ ही चीर का अभिषेक कर बंधन करवाया। बाद में ढोल झांझन के स्वरों के बीच होलियारों ने ‘हरि धरैं मुकुट खेलें होरी…’ से होली गायन किया। वहां प्रेमबल्लभ जोशी, पूरन तिवारी, रमेश पांडेय, नारायण दत्त चिलकोटी, विक्रम सिंह खाती, दिनेश पांडेय आदि थे। चंपावत में चाराल के कुलेठी, खर्ककार्की, ढकना, चौकी, फूंगर, सिंलग्टाक, लटोली, डूंगरासेठी, ढकना, मुडिय़ानी, चौड़ासेठी, फुलारगांव आदि में भी चीरबंधन के साथ होली गायन हुआ।