चम्पावत : कठनौली में ट्रैकिंग पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं : जिलाधिकारी मनीष कुमार
डीएम ने कृषक भीम सिंह महर द्वारा आधुनिक पद्धति से की जा रही सेब एवं पर्सिम्मन (ख़ुरमा) की खेती का किया अवलोकन
चम्पावत। जनपद में कृषि, बागवानी एवं पर्यटन के समन्वित विकास को गति देने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मनीष कुमार ने कठनौली गांव का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जहां एक ओर सामूहिक खेती एवं सेब-बागवानी के सफल मॉडल का अवलोकन किया, वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में ट्रैकिंग पर्यटन की संभावनाओं का भी मूल्यांकन किया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कृषक भीम सिंह महर द्वारा आधुनिक पद्धति से की जा रही सेब एवं पर्सिम्मन (ख़ुरमा) की खेती का अवलोकन करते हुए उनके बगीचे का भ्रमण किया तथा उत्पादन, विपणन एवं लागत से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने कृषक की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण के समय ग्राम प्रधान कमल भट्ट सहित बड़ी संख्या में स्थानीय कृषक एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देशित किया कि कठनौली क्षेत्र की भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सामूहिक घेरबाड़ (क्लस्टर आधारित खेती) की ठोस एवं व्यवहारिक कार्ययोजना तैयार की जाए, जिससे कृषक संगठित रूप से आधुनिक तकनीक अपनाकर बड़े स्तर पर खेती कर सकें और उनकी आय में सतत वृद्धि सुनिश्चित हो सके।
इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने जिला उद्यान अधिकारी को निर्देश दिए कि कठनौली गांव में सामूहिक रूप से सेब सहित अन्य फलदार पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु विस्तृत बागवानी विकास योजना तैयार की जाए तथा इच्छुक कृषकों को तकनीकी मार्गदर्शन, गुणवत्तापूर्ण पौध उपलब्धता एवं विभागीय योजनाओं से आच्छादित कर प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि फलोत्पादन की व्यापक संभावनाओं का उपयोग कर क्षेत्र को बागवानी हब के रूप में विकसित किया जा सकता है।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कृषि विभाग द्वारा कृषक भीम सिंह महर को 80 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए गए पॉवर वीडर यंत्र की भी समीक्षा की तथा उसके उपयोग, क्षमता एवं लाभों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि आधुनिक कृषि यंत्रों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर किसानों को लाभान्वित किया जाए, जिससे श्रम लागत में कमी आए और उत्पादन में वृद्धि हो। इस अवसर पर कृषक भीम सिंह महर ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि वे लगभग 10 नाली भूमि में आधुनिक पद्धति से बागवानी कर रहे हैं, जिसमें 4000 से अधिक सेब के पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष उनके बगीचे से 15 कुंतल से अधिक सेब का उत्पादन हुआ, जिसे उन्होंने ₹200 से ₹250 प्रति किलोग्राम की दर से बाज़ार में विक्रय किया, जिससे उन्हें उल्लेखनीय आमदनी प्राप्त हुई है और अन्य कृषक भी बागवानी की ओर प्रेरित हो रहे हैं।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कठनौली गांव में ट्रैकिंग पर्यटन की संभावनाओं का भी अवलोकन किया। उन्होंने क्षेत्र की भौगोलिक संरचना, प्राकृतिक सौंदर्य, वन क्षेत्र, पर्वतीय दृश्यावलियों, संभावित ट्रैकिंग मार्गों, सुरक्षा व्यवस्था एवं मूलभूत सुविधाओं की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि कठनौली गांव प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है और यहां ट्रैकिंग पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। जिलाधिकारी ने जिला पर्यटन विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि कठनौली गांव सहित अन्य संभावनाशील गांवों में ट्रैकिंग मार्गों का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर चरणबद्ध विकास सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग पर्यटन के विकास से जहां एक ओर जनपद में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर स्थानीय युवाओं को गाइड, होम-स्टे, परिवहन, खान-पान एवं अन्य स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार, जिला उद्यान अधिकारी हरीश लाल कोहली, ग्राम प्रधान कमल भट्ट सहित संबंधित विभागों के अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।

