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85 साल में यूपी को मिले 22 मुख्यमंत्री, आजादी से पहले दो और बाद में 20 लोगों ने सत्ता संभाली, नौ बार राष्ट्रपति शासन लगा

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उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत और पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी।

आजादी से पहले तीन अप्रैल 1937 को मोहम्मद अहमद सईद खान को अंग्रेज गवर्नर हैरी ग्राहम हैग ने यूनाइटेड प्रोविंसेस के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त किया था। 16 जुलाई 1937 तक उन्होंने कार्यभार संभाला। उत्तर प्रदेश को 85 साल के अंदर अब तक 22 मुख्यमंत्री मिल चुके हैं। आजादी से पहले दो और आजादी के बाद 20 लोगों ने प्रदेश की सत्ता संभाली है। आजादी से पहले तीन अप्रैल 1937 को मोहम्मद अहमद सईद खान को अंग्रेज गवर्नर हैरी ग्राहम हैग ने यूनाइटेड प्रोविंसेस के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त किया था। 16 जुलाई 1937 तक उन्होंने कार्यभार संभाला। 17 जुलाई 1937 से 2 नवंबर 1939 और फिर 1 अप्रैल 1946 से 27 दिसंबर 1954 तक गोविंद वल्लभ पंत मुख्यमंत्री रहे। गोविंद वल्लभ पंत इकलौते मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने आजादी से पहले और बाद दोनों ही बार प्रदेश की सत्ता संभाली। आजादी के बाद हुए चुनाव में पंत ने बरेली से चुनाव लड़ा था। उत्तर प्रदेश ही देश का पहला राज्य है, जहां सबसे पहले किसी महिला ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला हो। यहां 2 अक्तूबर 1963 से तीन मार्च 1967 तक सुचेता कृपलानी मुख्यमंत्री रहीं।

मोहम्मद अहमद सईद खान

पढ़िए सभी 22 मुख्यमंत्रियों का इतिहास…

  1. मोहम्मद अहमद सईद खान (निर्दलीय)
    यूनाइटेड प्रोविंसेस के पहले मुख्यमंत्री रहे मोहम्मद अहमद सईद का कार्यकाल 104 दिन तक रहा। सईद तीन अप्रैल 1937 से 16 जुलाई 1937 तक मुख्यमंत्री रहे। लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद सईद को छत्री का नवाब भी कहा जाता था। उनका जन्म लख्खानी परिवार में 12 दिसंबर 1888 को हुआ था। लख्खानी देश का बड़ा मुस्लिम राजपूत परिवार था।
  2. गोविंद वल्लभ पंत (कांग्रेस)
    18 सितंबर 1887 को अल्मोड़ा में जन्मे गोविंद गोविंद वल्लभ पंत स्वतंत्रा सेनानी और आधुनिक भारत के बड़े आर्किटेक्ट थे। आजादी से पहले यूनाइटेड प्रोविंसेस और बाद में पूरे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। पंत का पहला कार्यकाल 17 जुलाई 1937 से 2 नवंबर 1939 तक रहा। आजादी के बाद 1946-1954 तक लगातार आठ साल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। पंत ने पहली बार बरेली से चुनाव लड़ा था। इसके बाद पं. जवाहर लाल नेहरु के प्रधानमंत्री रहते हुए पंत देश के गृहमंत्री बनाए गए। इस दौरान उन्हें भारत रत्न से भी नवाजा गया। दिल का दौरा पड़ने के कारण 7 मार्च 1961 को 73 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।
  3. संपूर्णानंद (कांग्रेस)
    आजादी के बाद उत्तर प्रदेश को दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में संपूर्णानंद मिले। वाराणसी दक्षिण से चुनाव लड़ने वाले संपूर्णानंद का जन्म एक जनवरी 1881 को बनारस में हुआ था। कायस्थ परिवार से ताल्लुक रखने वाले संपूर्णानंद ने अपने करियर की शुरुआत शिक्षक के तौर पर की थी। 28 दिसंबर 1954 से 6 दिसंबर 1960 तक लगातार 5 साल 344 दिन वो प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
  4. चंद्रभानू गुप्ता (कांग्रेस)
    14 जुलाई 1902 को जन्मे चंद्रभानू अलीगढ़ के अतरौली के रहने वाले थे। चंद्रभानू ने पहली बार रानीखेत दक्षिणी से चुनाव लड़ा था। 7 दिसंबर 1960 से 1 अक्तूबर 1963 तक यानी दो साल 298 दिन तक पहली बार मुख्यमंत्री रहे। उनका दूसरा कार्यकाल महज 19 दिन का था। 14 मार्च 1967 को उन्होंने कार्यभार संभाला था और दो अप्रैल 1967 को इस्तीफा दे दिया। तीसरी बार 26 फरवरी 1969 से लेकर 17 फरवरी 1970 तक मुख्यमंत्री रहे।
  5. सुचेता कृपलानी (कांग्रेस)
    देश में किसी भी राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी ही रहीं। उन्होंने 2 अक्तूबर 1963 से तीन मार्च 1967 तक वह मुख्यमंत्री रहीं। हरियाणा के अंबाला में उनका जन्म 25 जून 1908 को हुआ था। 66 साल की उम्र में 1 दिसंबर 1974 को उनका निधन हो गया।
  6. चौधरी चरण सिंह (भारतीय क्रांति दल)
    आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह थे। वो 3 अप्रैल 1967 से 25 फरवरी 1968 तक वह मुख्यमंत्री रहे। चौधरी चरण सिंह भारतीय क्रांति दल के मुखिया रहे। दूसरी बार 18 फरवरी 1970 से 1 अक्तूबर 1970 तक मुख्यमंत्री रहे। चौधरी चरण सिंह देश के पांचवे प्रधानमंत्री भी रहे।
  7. कमलापति त्रिपाठी (कांग्रेस)
    4 अप्रैल 1971 को कांग्रेस के नेता कमलापति त्रिपाठी को यूपी की कमान मिली। स्वतंत्रता सेनानी और लेखक रहे कमलापति त्रिपाठी ने रेलवे मंत्रालय की जिम्मेदारी भी निभायी। पं. कमलापति त्रिपाठी का जन्म 3 सितंबर 1905 को हुआ था। 2 साल 69 दिन तक वह मुख्यमंत्री के मुख्यमंत्री रहे।
  8. हेमवती नंदन बहुगुणा (कांग्रेस)
    कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे हेमवती नंदन बहुगुणा 2 साल 21 दिन तक यूपी की सत्ता संभाली। 8 नवंबर 1973 में उन्होंने कार्यभार संभाला था। उनके पुत्र विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। बेटी रीता बहुगुणा जोशी भी यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। बाद में इन्होंने भाजपा जॉइन की। अब रीता बहुगुणा प्रयागराज से भाजपा की सांसद हैं। हेमवती नंदन बहुगुणा देश के 13वें वित्त मंत्री भी रहे।
  9. नारायण दत्त तिवारी (कांग्रेस)
    नारायण दत्त तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार 21 जनवरी 1976 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तब इनका कार्यकाल केवल 99 दिन का था। दूसरी बार तीन अगस्त 1984 और तीसरी बार 25 जून 1988 को मुख्यमंत्री बने। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड के अलग होने पर तिवारी उत्तराखंड के भी मुख्यमंत्री रहे।
  10. रामनरेश यादव (जनता पार्टी)
    रामनरेश यादव ने 23 जून 1977 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला। जनता पार्टी के रामनरेश यादव ने बाद में कांग्रेस जॉइन कर ली थी। इनका कार्यकाल 249 दिन का रहा। 2011 से 2016 के बीच रामनरेश यादव मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।
  11. बनारसी दास (जनता पार्टी)
    28 फरवरी 1979 से 17 फरवरी 1980 तक बनारसी दास यूपी के मुख्यमंत्री रहे। 1977 से 1979 तक बनारसी दास बुलंदशहर से कांग्रेस के सांसद भी रहे। इसके बाद इन्होंने जनता पार्टी जॉइन कर ली और जनता पार्टी से यूपी के मुख्यमंत्री बने।
  12. विश्वनाथ प्रताप सिंह (कांग्रेस)
    9 जून 1980 को विश्वनाथ प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। सिंह का कार्यकाल 2 साल 39 दिन का रहा। बाद में वह देश के सातवें प्रधानमंत्री भी बने। प्रयागराज में जन्मे सिंह ने 1987 में देश के रक्षा मंत्री, 1989 में विदेश मंत्री भी रहे। वीपी सिंह के प्रधानमंत्री रहते ही मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू किया गया और देश में ओबीसी आरक्षण लागू हुआ।
  13. श्रीपति मिश्र (कांग्रेस)
    कांग्रेस नेता रहे श्रीपति मिश्र को 19 जुलाई 1982 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। श्रीपति का कार्यकाल 2 साल 14 दिन का रहा। श्रीपति उत्तर प्रदेश के पहले चुने हुए विधानसभा अध्यक्ष रहे।
  14. वीर बहादुर सिंह (कांग्रेस)
    उत्तर प्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री रहे वीर बहादुर सिंह का कार्यकाल 2 साल 274 दिन तक रहा। 24 सितंबर 1985 को उन्होंने यूपी की कमान संभाली थी। गोरखपुर में जन्मे सिंह का निधन महज 54 साल की उम्र में फ्रांस में हुआ।

16.मुलायम संह यादव (जनता दल, समाजवादी पार्टी)
मुलायम सिंह पहली बार पांच दिसंबर 1989 को जनता दल से यूपी के मुख्यमंत्री चुने गए। तब उनका कार्यकाल 1 साल 201 दिन का रहा। दूसरी बार 1993 और तीसरी बार 2003 में मुख्यमंत्री बने।

  1. मायावती (बसपा)
    मायावती ने सबसे ज्यादा चार बार उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाली। पहली बार उन्होंने 3 जून 1995 को मुख्यमंत्री पद का कामकाज संभाला। तब उनका कार्यकाल 137 दिन का रहा। मायावती पहली दलित महिला हैं, जिन्होंने देश के किसी राज्य के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला। मायावती दूसरी बार 1997, तीसरी बार 2002 और चौथी बार 2007 में मुख्यमंत्री बनीं।
  2. कल्याण सिंह (भाजपा)
    कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे। कल्याण सिंह ने पहली बार 24 जून 1991 में मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था। दूसरी बार दूसरी बार 21 सितंबर 1997 में वह मुख्यमंत्री बने। 21 अगस्त 2021 को उनका निधन हो गया।
  3. राम प्रकाश गुप्ता (भाजपा)
    भारतीय जनता पार्टी के नेता रहे रामप्रकाश गुप्ता प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री रहे। इसके पहले 1967 से 1968 तक चौधरी चरण सिंह की सरकार में डिप्टी सीएम भी रहे। बाद में वह मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी बनाए गए।
  4. राजनाथ सिंह (भाजपा)
    देश के मौजूदा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 28 अक्तूबर 2000 से 8 मार्च 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में राजनाथ सिंह देश के गृहमंत्री रहे। इस वक्त राजनाथ सिंह मोदी कैबिनेट में रक्षा मंत्री हैं।
  5. अखिलेश यादव (सपा)
    उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव का कार्यकाल 2012 में शुरू हुआ था। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। अभी आजमगढ़ से सपा के सांसद हैं।
  6. योगी आदित्यनाथ (भाजपा)
    उत्तराखंड में जन्मे योगी आदित्यनाथ प्रदेश के 22वें मुख्यमंत्री हैं। 2017 में इन्होंने प्रदेश की कमान संभाली थी। 1998 से 2017 तक योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद रहे। गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं।

संपूर्णानंद और चंद्रभानू गुप्ता।
संपूर्णानंद और चंद्रभानू गुप्ता।
चौधरी चरण सिंह
पं. कमलापति त्रिपाठी
पंडित कमलापति त्रिपाठी।
रामनरेश यादव और एनडी तिवारी
रामनरेश यादव और एनडी तिवारी
विश्वनाथ प्रताप सिंह और बाबू बनारसी दास
विश्वनाथ प्रताप सिंह और बाबू बनारसी दास

वीर बहादुर सिंह और श्रीपति मिश्र

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड