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लोहाघाट # धर्मशाला विवाद में चार को किया मुचलका पाबंद

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चम्पावत। ऋषेश्वर मंदिर में धर्मशाला विवाद के बीच अदालती कार्रवाई भी शुरू हो गई है। शांति भंग की आशंका को देखते हुए पुलिस की चालानी रिपोर्ट के बाद शनिवार को उप जिला मजिस्ट्रेट की अदालत ने दोनों पक्षों के चार लोगों को मुचलका पाबंद किया है। थानाध्यक्ष मनीष खत्री ने बताया है कि शांति भंग के अंदेशे के मद्देनजर मंदिर के स्वामी एमके तिवारी उर्फ मोहनानंद, समिति के अध्यक्ष प्रहलाद सिंह मेहता, नगर समिति अध्यक्ष कैलाश बगौली और पुजारी देवेंद्र पुजारी के खिलाफ धारा 107, 116, 113 (3) सीआरपीसी की चालनी रिपोर्ट एसडीएम की अदालत में पेश की गई थी। एसडीएम की अदालत ने शनिवार को दोनों पक्षों के चारों लोगों को शांति बनाए रखने के लिए 25-25 हजार रुपये के निजी बंधपत्र भरवाकर छह माह के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। उधर, ऋषेश्वर मंदिर की धर्मशाला में कब्जे का आरोप लगाते हुए स्वामी मोहनानंद के शिष्य ऋषेश्वरानंद का आमरण अनशन 11वें दिन भी जारी रहा। शुक्रवार से अन्न, जल त्यागने के बाद अनशनकारी के स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आई है। अलबत्ता डॉ. ऋषभ जोशी ने कहा कि ऋषेश्वरानंद की सेहत में अभी कमोबेश ठीक है। वहीं ऋषेश्वरानंद ने कब्जा नहीं हटने तक आमरण अनशन जारी रखने की बात कही। वहीं टकराव की किसी भी आशंका को टालने के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम करने का दावा किया है। एसओ मनीष खत्री का कहना है कि विवाद को देखते हुए मंदिर परिसर में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।

धर्मशाला उद्घाटन की प्रशासन ने नहीं दी अनुमति
ऋषेश्वर प्रबंधन समिति शिवालय को नव निर्मित धर्मशाला के नौ अगस्त को प्रस्तावित उद्घाटन के लिए अनुमति नहीं दी है। समिति के सचिव प्रकाश राय ने पांच अगस्त को एसडीएम को प्रार्थना पत्र देकर उद्घाटन की अनुमति मांगी थी। एसडीएम अनिल गर्ब्याल का कहना है कि थानाध्यक्ष की जांच रिपोर्ट के आधार पर उद्घाटन के लिए अनुमति नहीं दी गई है। एसओ ने कोविड की संभावित तीसरी लहर के खतरे, संक्रमण के नियंत्रण के साथ ही शांति बनाए रखने के मद्देनजर उद्घाटन न कराने की रिपोर्ट दी थी। अनुमति नहीं मिलने के बाद अब मंदिर समिति उद्घाटन को लेकर नए सिरे से विचार मंथन करने के बाद आगे का निर्णय लेगी।