काली नदी पर बने सेतु से भारत–नेपाल व्यापार को मिलेगी नई रफ्तार

धारचूला/पिथौरागढ़। भारत–नेपाल सीमा पर काली नदी पर निर्माणाधीन मोटर पुल के जल्द चालू होने की उम्मीद ने सीमांत क्षेत्र में विकास की नई तस्वीर बनने की आशा बलवती हो रही है। नेपाल के भारत में राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने धारचूला के छारछुम गांव में पुल का स्थलीय निरीक्षण कर संकेत दिए कि इसके शुरू होते ही दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी और सामाजिक संपर्क भी मजबूत होंगे।
राजदूत डॉ. शर्मा ने कहा कि चम्पावत के बनबसा पुल के बाद यह उत्तराखंड का दूसरा मोटर पुल है, जो नेपाल को सीधे भारत से जोड़ता है। यह पुल आवागमन को आसान बनाने के साथ-साथ व्यापार, पर्यटन और आपसी सहयोग को सुदृढ़ करेगा। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित इस पुल की आधारशिला वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रखी थी और अब यह परियोजना अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।

निरीक्षण के दौरान उनके साथ उप-मिशन प्रमुख (डीसीएम) डॉ. सुरेन्द्र थापा, राजनयिक अम्बिका जोशी व प्रकाश मल्ला सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। भारतीय पक्ष की ओर से लोक निर्माण विभाग ने निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अरुण ने बताया कि 110 मीटर स्पैन का मुख्य पुल निर्माण पूरा हो चुका है। पुल की कुल चौड़ाई 10.50 मीटर है, जिसमें 7.5 मीटर कैरिज-वे शामिल है।
उन्होंने बताया कि राजमार्ग से पुल को जोड़ने वाली 150 मीटर लंबी संपर्क सड़क मार्च 2026 तक पूरी कर ली जाएगी, जबकि दूसरी ओर की संपर्क सड़क इस माह के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है। पीडब्ल्यूडी अस्कोट खंड के अनुसार भारत और नेपाल—दोनों ओर संपर्क सड़कों के साथ-साथ सुरक्षा और कस्टम्स के लिए शेडों के निर्माण के बाद पुल को संचालन के लिए पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा।

जिलाधिकारी पिथौरागढ़ आशीष भटगांई ने गत सप्ताह बैठक में पुल को शीघ्र खोलने के उद्देश्य से सुरक्षा और कस्टम्स के लिए अस्थायी शेडों के निर्माण के निर्देश दिए हैं। वहीं, धारचूला के उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि भारतीय प्राधिकरण संपर्क सड़कों के निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने में जुटे हैं। माना जा रहा है कि पुल के चालू होते ही सीमावर्ती इलाकों में व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी, स्थानीय उत्पादों को नए बाजार मिलेंगे और रोजगार के अवसर सृजित होंगे। काली नदी पर बन रहा यह मोटर पुल भारत–नेपाल संबंधों को जमीनी स्तर पर नई मजबूती देने वाला साबित होगा।
नेपाल की ओर से कार्य पूर्ण, भारत की ओर शेष कार्य प्रगति पर
निरीक्षण के दौरान राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने बताया कि नेपाल की ओर से मोटर वाहन पुल का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। भारत की ओर से शेष कार्य पूरे होते ही मार्च 2026 तक पुल को आम नागरिकों के लिए खोलने की दिशा में दोनों देश तैयार हैं।
सीमावर्ती महिलाओं की दस्तावेज़ी समस्याओं पर सहमति
बैठक के दौरान नेपाल से भारत विवाह कर आने वाली महिलाओं से जुड़ी दस्तावेज़ी समस्याओं पर भी गंभीर चर्चा हुई। दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की कि सीमावर्ती क्षेत्रों की महिलाओं को पहचान पत्र, यात्रा एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज़ों के लिए सरल, सुरक्षित और सम्मानजनक प्रक्रिया उपलब्ध कराई जाएगी। राजदूत ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में दूतावास स्तर पर कोई परेशानी नहीं होगी।
नेपाल से आने वाले श्रमिकों के लिए समन्वित व्यवस्था
पुल के खुलने के बाद नेपाल से भारत आने वाले श्रमिकों एवं मज़दूरों की आवाजाही बढ़ने की संभावना को देखते हुए उनके दस्तावेज़, पंजीकरण, सुरक्षा और आवश्यक सहायता को लेकर संयुक्त एवं समन्वित व्यवस्था बनाने पर भी विचार-विमर्श किया गया, ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो।
‘यह पुल केवल ढांचा नहीं, संबंधों का सेतु है’
राजदूत डॉ. शर्मा ने कहा कि यह मोटर वाहन पुल केवल एक भौतिक संरचना नहीं, बल्कि भारत–नेपाल के बीच व्यक्ति-से-व्यक्ति के संबंधों को मजबूत करने वाला सेतु सिद्ध होगा। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन, व्यापार, रोज़गार तथा सामाजिक–सांस्कृतिक रिश्तों को नई गति मिलेगी।
हालांकि, उन्होंने काला पानी और लिपुलेख धूरा से जुड़े विषयों पर टिप्पणी करने से इनकार किया।

