केदारनाथ हादसा: खराब मौसम के बीच क्रैश होते ही हेलीकॉप्टर के उड़े परखच्चे, इधर-इधर बिखर गए शव, मृतकों की सूची जारी

कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ धाम में आज बड़ा हादसा हो गया। गरुड़चट्टी के पास हेलीकॉप्टर क्रैश हादसे में पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई। केदारनाथ धाम में आज दिन चढ़ने के साथ ही मौसम खराब हो गया। घाटी में चारों तरफ कोहरा छाया हुआ था। बावजूद इसके पायलट ने हेलीकॉप्टर की उड़ान भरने का जोखिम उठा लिया। हादसे की वजह खराब मौसम में कोहरे के बीच हेलीकॉप्टर का उड़ान भरना ही बताया जा रहा है। हेलीकॉप्टर क्रैश होते ही इतनी तेज धमाका हुआ कि वहां मौजूद लोग खौफ में आ गए। क्रैश होते ही हेलीकॉप्टर के परखच्चे उड़ गए और आग लग गई। हेलीकॉप्टर के गिरते ही शव इधर-उधर बिखर गए।
हेलीकॉप्टर आर्यन कंपनी का था। हादसा केदारनाथ से वापस लौटते समय गरुड़चट्टी के पास हुआ। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के सीईओ एवं अपर सचिव सी रविशंकर ने हादसे में सात लोगों की मौत की पुष्टि की है। मृतकों में चार महिलाएं हैं। मृतक गुजरात और तमिलनाडु के हैं। घटना का कारण खराब मौसम और अचानक घाटी में कोहरा छाना बताया जा रहा है। एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस द्वारा मौके पर रेस्क्यू किया जा रहा है।

मृतकों का विवरण
1 श्री अनिल सिंह – पायलट, (उम्र 57 वर्ष) निवासी मुम्बई, महाराष्ट्र
2 श्रीमती उर्वी बराड (25 वर्ष) भावनगर, गुजरात
3 श्रीमती कृति बराड (30 वर्ष) भावनगर, गुजरात
4 श्रीमती पूर्वा रामानुज (26 वर्ष) भावनगर, गुजरात
5 श्रीमती सुजाता (56 वर्ष) अन्ना नगर, चेन्नई
6 श्रीमती कला (50 वर्ष) अन्ना नगर, चेन्नई
7 श्री प्रेम कुमार (63 वर्ष) अन्ना नगर, चेन्नई
केदारनाथ धाम के लिए वर्ष 2004 में अगस्त्यमुनि से हेलीसेवा शुरू हुई थी। तब पवनहंस कंपनी का एक हेलीकॉप्टर एक दिन में चार से छह शटल उड़ानें भरता था। वर्ष 2006 में हेली कंपनियों की संख्या चार हुई। जून 2013 की आपदा के बाद वर्ष 2014 में नौ कंपनियों के सेवाएं शुरू कीं। 2015 में 11, 2016 व 2017 में 13-13 कंपनियों के हेलीकॉप्टर उड़ान भरते रहे। समुद्रतल से 11 हजार 500 फीट से अधिक ऊंचाई वाले केदारनाथ क्षेत्र में हेलीकॉप्टर को एक संकरी घाटी से होकर गुजरना होता है। यहां हवा का दबाव अत्यधिक होने के साथ ही मौसम अचानक खराब हो जाता है। ऐसे में हल्की सी चूक हेलीकॉप्टर दुर्घटना का बड़ा कारण बन सकती है।



