केदारनाथ उप चुनाव : भाजपा की आशा नौटियाल ने दर्ज की जीत, सीएम धामी ने राष्ट्रवाद और सनातन की जीत बताया
सीएम धामी ने कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया, कहा- अयोध्या, बदरीनाथ के नाम पर व्यंग्य करने वालों को जनता ने जवाब दिया
उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल कर ली है। पार्टी की उम्मीदवार आशा नौटियाल ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मनोज रावत को 5,622 वोटों से पटखनी दी है। आशा नौटियाल को कुल 23,814 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के मनोज रावत को 18,191 वोट मिले। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव में जीत पर खुशी जताई है। उन्होंने पार्टी की प्रत्याशी आशा नौटियाल को जीत पर बधाई दी है।

केदारनाथ उपचुनाव के मतों की गणना जब सुबह 8 बजे से शुरू हुई तो पहले राउंड से ही बीजेपी प्रत्याशी आशा नौटियाल ने लीड बना ली थी। हर राउंड में उनकी लीड बढ़ती चली गई। दूसरी ओर कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज रावत को निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह शुरू में कड़ी टक्कर देते रहे। कई बार तो त्रिभुवन सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी को तीसरे स्थान पर भी धकेल दिया। आखिरकार कांग्रेस को मनोज रावत दूसरे स्थान पर आने में सफल रहे। बहरहाल वो कभी भी बीजेपी की प्रत्याशी आशा नौटियाल को टक्कर देते नहीं दिखे। आशा नौटियाल ने आसानी से केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव जीत लिया.
सीएम धामी ने राष्ट्रवाद और सनातन की जीत बताया:— सीएम धामी ने केदारनाथ उपचुनाव की जीत पर खुशी जताई। दरअसल सीएम धामी खुद प्रचार की कमान अपने हाथ में लेकर केदारनाथ चुनाव में जुटे थे। सीएम ने केदारनाथ उपचुनाव में मिली जीत को जनता की जीत बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने केदारनाथ धाम का जो नव निर्माण और विकास किया ये उसकी जीत है। सीएम ने इसे विकास, राष्ट्रवाद और सनातन की जीत बताया।
सीएम धामी ने कहा कि कांग्रेस ने भ्रम और क्षेत्रवाद और जातिवाद फैलाने का कार्य किया, लेकिन जनता ने उनके एजेंडे को नकार दिया। सीएम धामी ने कहा कि हम अंतिम छोर तक मौजूद व्यक्ति तक विकास कार्य पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मातृशक्ति को जीत का धन्यवाद किया। सीएम ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग अयोध्या, बदरीनाथ को लेकर व्यंग्य करते थे, जनता ने उनको करारा तमाचा मारा है। सीएम धामी ने इस मौके पर महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन को मिली जीत पर पीएम मोदी को बधाई दी। गौरतलब है कि केदारनाथ सीट से बीजेपी विधायक शैलारानी रावत का निधन हो गया था। इस कारण इस सीट पर उपचुनाव हुआ है।
महिला प्रत्याशी की जीत का मिथक भाजपा ने दोहराया

हॉट सीट केदारनाथ विधानसभा में महिला प्रत्याशी की जीत का मिथक भाजपा ने दोहराया है। धुआंधार प्रचार का फल भाजपा को मिला और केदारघाटी की जनता ने आशा पर उम्मीद जताई। केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक आशा नौटियाल को प्रत्याशी बनाया। वर्ष 2017 के बाद वह एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरीं। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में वह केदारनाथ विस की पहली विधायक चुनी गईं, तब वह भाजपा से प्रत्याशी थीं। वर्ष 2007 में भी उन्हें क्षेत्रीय जनता ने अपना विधायक चुना था। इसके बाद दो बार चुनाव में उन्हें पराजय मिली। ऊखीमठ विकासखंड के दिलमी गांव निवासी आशा नौटियाल एक सामान्य परिवार से संबंध रखती हैं।
उनके पति रमेश नौटियाल पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं। वह वर्ष 1996 में पहली बार ऊखीमठ वार्ड से निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं। इसके बाद वर्ष 1997-98 में उन्हें भाजपा ने जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी और वर्ष 1999 में उन्हें महिला मोर्चा का जिलाध्यक्ष चुना गया। सौम्य व्यवहार और निरंतर जनसंपर्क की वजह से वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में आशा नौटियाल को भाजपा ने केदारनाथ विस से प्रत्याशी बनाया और वह विजयी हुईं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी दिवंगत विधायक शैलारानी रावत को पराजित किया था।
आशा नौटियाल की जब पुन: पार्टी में हुई वापसी
वर्ष 2007 में भी भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कुंवर सिंह नेगी को पराजित कर विजयश्री हासिल की। वर्ष 2012 में लगातार तीसरी बार वह भाजपा की प्रत्याशी घोषित हुईं, पर इस बार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी शैलारानी रावत से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वर्ष 2016 में शैलारानी रावत भाजपा में शामिल हो गईं और वर्ष 2017 में भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया, जिस पर आशा नौटियाल ने पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहीं। तब, कांग्रेस से मनोज रावत विधायक चुने गए और निर्दलीय कुलदीप रावत दूसरे स्थान पर रहे।
कुछ समय बाद आशा नौटियाल की पुन: पार्टी में वापसी हुई और वह क्षेत्र में सक्रिय हो गईं। वर्ष 2022 में पार्टी ने पुन: शैलारानी रावत को प्रत्याशी बनाया और वह जीत गईं। वहीं, आशा नौटियाल को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया, जिसके बाद वह सीधे हाईकमान के संपर्क में आ गईं। इस बार सदस्यता अभियान में भी वह गांव-गांव संपर्क करती दिखीं। विस क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।
