समय से पूरा नहीं हो सकेगा कोलीढेक झील निर्माण का काम, कोरोना के चलते कार्य हो रहा है प्रभावित
चम्पावत। लोहाघाट नगर के समीप कोलीढेक में बनाई जा रही बहुद्देशीय जलाशय (झील) निर्माण में भी कोरोना का असर पड़ रहा है। कोरोना के चलते श्रमिकों की कमी झील निर्माण कार्य को तय समय में करने में आड़े आ रही है। सिंचाई विभाग की ओर से निर्माण कार्य को करने के लिए शासन दो माह का अतिरिक्त समय मांगा है।
शासन की ओर से वर्ष 2018 में कोलीढेक में झील निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। अब तक 30.67 करोड़ रुपये की डीपीआर के सापेक्ष 18.47 करोड़ रुपये ही मिले हैं। नवंबर 2018 में इस झील का निर्माण कार्य शुरू हो गया था। झील का करीब 70 फीसदी कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसमें अभी तक रोड कटिंग, रोड साइड दीवार निर्माण, डैम फाउंडेशन कटिंग, रॉक एंकरिंग, कलवर्ट निर्माण, करीब 9500 घन मीटर डैम में कंक्रीट, 600 मीटर रिंग रोड में सीसी वर्क, 400 मीटर रोड में टायल वर्क, तीन हाईमास्ट एलईडी लाइट लगाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जबकि डैम के गेट निर्माण, टायल वर्क आदि कार्य शेष हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिंचाई विभाग के ईई बीबी पांडे ने बताया कि शासन की ओर से झील निर्माण के लिए अभी तक 18.47 करोड़ रुपये अवमुक्त हो चुके हैं, जो मुआवजे और विभिन्न निर्माण कार्यों में व्यय हो चुके हैं। इस वित्तीय वर्ष में कोई भी धनराशि शासन स्तर से प्राप्त नहीं हुई है। झील का निर्माण कार्य 30 जून 2021 में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। कोरोना के चलते मजदूर नहीं मिलने, बारिश, वृक्षों के पातन में हुई देरी के चलते जून 2021 में निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सकता है। शासन से निर्माण कार्य पूरा करने की अवधि 31 अगस्त 2021 करने का अनुरोध किया गया है।
90 फीसदी लोगों को दिया जा चुका है मुआवजा
कोलीढेक में झील की लंबाई 1550 मीटर, चौड़ाई 125 मीटर, गहराई 21 मीटर है। झील निर्माण में करीब 11 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। झील के डूब क्षेत्र में करीब 600 लोगों की करीब 9.512 हेक्टेयर नाप भूमि आएगी। जबकि करीब साढ़े चार हेक्टेयर वन भूमि डूब क्षेत्र में आएगी। डूब क्षेत्र में 715 पेड़ आ रहे हैं। सिंचाई विभाग की ओर से डूब क्षेत्र में आ रही भूमि का करीब 90 फीसदी लोगों को मुआवजा वितरित किया जा चुका है।