कुमाऊंनी ‘दूधबोली’ के सम्पादक मथुरादत्त मठपाल नहीं रहे
नैनीताल जिले के रामनगर की पम्पापुरी कॉलोनी निवासी वरिष्ठ साहित्यकार व कुमाऊंनी दुधबोली के सम्पादक मथुरा दत्त मठपाल नहीं रहे। उनके निधन की खबर उनके पुत्र शिक्षक नवेंदु मठपाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। अल्मोड़े जिले के भिक्यासैण ब्लाक के ग्राम नौला गाँव में जन्मे मथुरादत्त मठपाल ने आज सुबह अंतिम सांस ली। वह कुछ समय से बीमार थे। मथुरादत्त मठपाल कुमाऊनी के अभिभावकों में एक थे। मथुरा दत्त मठपाल गढ़वाली और कुमाऊनी बोली के संरक्षण के लिये संघर्षरत रहे। कुमाऊंनी बोली को भाषापरक साहित्य के रूप में पहचान देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मथुरादत्त मठपाल के पिता हरिदत्त मठपाल स्वतंत्रता सेनानी रहे थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा अपने ही गांव में प्रारंभिक स्कूल में हुई। आठवीं की परीक्षा मनिला मिडिल स्कूल से और रानीखेत ‘नेशनल हाई स्कूल’ से आगे की शिक्षा उन्होंने प्राप्त की। तमाम आर्थिक कठिनाईयों के बावजूद वह लम्बे समय से ‘दूदबोलि’ पत्रिका को नियमित रूप से निकाल रहे थे। उसे वह वर्ष 2000 से निकाल रहे थे। 2006 से वार्षिक रूप ने निकलने वाली इस पत्रिका में लोककथा, हास्य, कहानी इत्यादि प्रकाशित होती थीं।