उत्तराखंड में अब वर्चुअल भी हो सकेगी जमीन की रजिस्ट्री, धामी कैबिनेट में हुए अहम फैसले
पहाड़ में हेलीपैड के लिए जमीन नहीं मिल पाती। इसलिए निजी लोगों को प्रोत्साहित करने को नीति पर मुहर लगाई गई। भू स्वामी अपनी जमीन लीज पर दे सकेगा या खुद हेलिपैड बनाने पर 50% तक सब्सिडी मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सोमवार को कैबिनेट हुई। कैबिनेट से पहले तीन बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक में गौरा देवी योजना के बच गए अभ्यर्थियों को जल्द पैसे दिए जाने सहित 13 प्रस्ताव पारित हुए। इस दौरान निवेशक सम्मेलन को लेकर भी चर्चा हुई।
पहले तीन बिंदुओं पर चर्चा
- सिलक्यारा में मदद पर पीएम मोदी को धन्यवाद संदेश भेजा जाएगा
- तीन राज्यों में जीत पर बधाई
- राष्ट्रीय खेलों के लिए भी धन्यवाद
ये प्रस्ताव हुए पारित
- गौरा देवी कन्या धन योजना के बचे गए अभ्यर्थियों को जल्द मिलेगा पैसा।
- परिवहन विभाग-चालक लाइसेंस लेने पर यूजर चार्ज 100 रुपये। किसी भी बैंक में जमा होगा।
- गोविंद बल्लभ पंत संस्थान कीर्तिनगर में 0.4 हेक्टेयर जमीन निशुल्क मिलेगी।
- पहाड़ में हेलीपैड के लिए जमीन नहीं मिल पाती। निजी लोगों को प्रोत्साहित करने को नीति पर मुहर। भू स्वामी अपनी जमीन लीज पर दे सकेगा या खुद हेलिपैड बनाने पर 50% तक सब्सिडी मिलेगी।
- उत्तराखंड न्यायिक सेवा नियमावली में संशोधन। सिविल न्यायाधीश वरिष्ठ कहा जाएगा।
- उत्तराखण्ड उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली में संशोधन पर मुहर।
- मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना लाई गई। 2035 ऐसी बसावटों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए जो 1142 मानक के अनुसार नहीं हैं, उनको भी मुख्य मार्ग से जोड़ा जाएगा।
- माध्यमिक शिक्षा विभाग – 559 उत्कृष्ट विद्यालय में कन्वर्ट किया जाएगा। 240 करोड़ खर्च करेगी सरकार। यह अटल उत्कृष्ठ से अलग है।
- अब जमीन की रजिस्ट्री वर्चुअल भी हो सकेगी।
- पूरे प्रदेश में राजकीय मेडिकल कॉलेज। हरिद्वार में 100 एमबीबीएस सीटों का कॉलेज बनाना है। इसके लिए 950 पदों के सृजन पर मुहर। पिथौरागढ़ में भी इतने ही पद सृजित।
- 01 अक्टूबर 2005 से पहले विनियमितीकरण नियमावली के तहत कर्मचारियों को पुरानी पेंशन।
- राजकीय हाईस्कूल व इंटर कॉलेज में रिक्त पद के सापेक्ष प्रति वादन के हिसाब से शिक्षक रखे गए। उन्हें 200 से 250 रुपये प्रति वादन मिलेंगे।
भूतत्व व खनिकर्म विभाग के ढांचे को अनुमोदन।
बैठक में रायपुर में सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर विधानसभा, सचिवालय समेत सभी निदेशालयों के निर्माण के लिए मास्टर प्लान के अलावा सर्विस सेक्टर पॉलिसी और कर्मचारी सेवाओं से संबंधित विभिन्न नियमावली के प्रस्ताव रखे जा सकते हैं।