लोहाघाट: 1971 भारत-पाक युद्ध के योद्धा कैप्टन शेर गिरी का निधन हुआ, लोगों ने दुख जताया
लोहाघाट/चम्पावत। 1971 की बांग्लादेश मुक्ति मोर्चा के योद्धा कैप्टन शेर गिरी का आज प्रातः अपने आवास प्रेमनगर में निधन हो गया। कैप्टन शेर गिरी के निधन से पूरे प्रेम नगर और लोहाघाट में शोक की लहर छा गई । उनका अंतिम संस्कार रामेश्वर में उनके पैतृक गांव चमडुंगरा में किया गया। गांव में ग्रामीणों, परिवार के लोगों व ईष्ट मित्रों के समक्ष उन्हें समाधिस्थ किया गया। स्व. गिरी सामाजिक दायित्व, सामाजिक सरोकारों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे थे। उनके दोनों पुत्र कैलाश गिरी व अध्यापक सुंदर गिरी द्वारा अंतिम संस्कार के कार्यक्रम सम्पन्न किए गए। इस अवसर पर उनके साथी कै. पीएस देव, कै.राजेंद्र सिंह देव, कैत्र चंद्रबल्लभ बिष्ट, हरीश अधिकारी, गणेश चौथिया, भूपेंद्र देव ताऊ, हयात सिंह, कैलाश अधिकारी, ईश्वर नाथ, कल्याण नाथ, रिंकू अधिकारी, दिनेश नाथ, अमर नाथ, पुष्कर नाथ, त्रिलोक गिरी, मोहन जोशी आदि ने भावभीनी श्रद्धांजलि/विदाई दी। लोगोंं ने कहा कैप्टन गिरी भारतीय सेना के महान योद्धा रहे। 1971 भारत-पााक युद्ध में उन्होंने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे।