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लोहाघाट : जिलाधिकारी ने किया अम्बेडकर छात्रावास का निरीक्षण, शिक्षा और कौशल विकास के लिए बने शिक्षक

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लोहाघाट/चम्पावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बुधवार को डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजकीय छात्रावास लोहाघाट का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का गहनता से अवलोकन किया और छात्रावास में रह रहे 48 विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया। यह छात्रावास समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित किया जाता है और जनपद के विभिन्न दूरस्थ एवं पर्वतीय क्षेत्रों से आए 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के अनुसूचित जनजाति के युवाओं के लिए संचालित है, जहां निःशुल्क आवास एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध है।

जिलाधिकारी ने छात्रावास परिसर, भोजनालय, आवासीय कक्ष, स्वच्छता एवं अन्य सुविधाओं का निरीक्षण कर संतोष व्यक्त किया। संवाद के दौरान विद्यार्थियों ने पुस्तकालय हेतु पुस्तकों, कैबिन टेबल और कंप्यूटर सिस्टम की आवश्यकता जताई, जिस पर जिलाधिकारी ने उनकी मांगों को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया, ताकि विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक माहौल मिल सके।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने छात्रावास में संचालित प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (P.M. AJAY) के अंतर्गत चल रहे कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी अवलोकन किया। यह प्रशिक्षण फाइनेंस अकाउंटिंग विषय पर सोसाइटी फॉर होलिस्टिक रिसर्च एंड एंटरप्रेन्योरशिप स्टडीज, चम्पावत द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो 06 जून 2025 से प्रारंभ हुआ है। पांच माह की अवधि वाले इस प्रशिक्षण में कुल 41 प्रशिक्षार्थी भाग ले रहे हैं, जिन्हें दो बैचों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है — प्रातः 7:00 से 9:00 बजे तक 20 प्रशिक्षार्थी और अपराह्न 3:00 से 5:00 बजे तक 21 प्रशिक्षार्थी। प्रति प्रशिक्षार्थी ₹12,000 का प्रशिक्षण शुल्क विभाग द्वारा संस्था को प्रदान किया जाता है।

जिलाधिकारी ने छात्रावास के बच्चों से चर्चा कर उनकी विषयगत आवश्यकताओं को समझा और संस्था को निर्देश दिए कि छात्रों की जरूरत के अनुसार विषय विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध कराए की बात की। गणित विषय में सहयोग को लेकर जिलाधिकारी ने स्वयं यह जिम्मेदारी लेने की घोषणा की और आवश्यकता अनुसार प्रातः 8:00 से 10:00 बजे तथा रात्रि 9:00 से 11:00 बजे का समय गणित शिक्षण के लिए निर्धारित किया।

उन्होंने कहा कि छात्रावास के बच्चों की शिक्षा, कौशल विकास और भविष्य निर्माण के लिए वे हर समय उपलब्ध रहेंगे और उनकी प्राथमिकता यह है कि यहां से निकलने वाला हर छात्र न केवल शैक्षिक रूप से सक्षम हो, बल्कि आत्मनिर्भर भी बने। जिलाधिकारी के इस दौरे से छात्रावास में उत्साह और विश्वास का माहौल देखने को मिला, साथ ही यह संदेश गया कि प्रशासनिक नेतृत्व भी उनके उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
इस दौरान एसडीएम नीतू डांगर, सीईओ मेहरबान सिंह बिष्ट, जिला समाज कल्याण अधिकारी आरएस सामंत सहित अन्य उपस्थित रहे।

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