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सालभर संचालित होगा मां पूर्णागिरि मेला, बदलेगी मेले की संचालन एजेंसी

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चम्पावत। मां पूर्णागिरि धाम का मेला जल्द ही सालभर संचालित होगा। इसके लिए सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। वर्तमान में मेला तीन माह चलता है। मेले की अवधि में बदलाव के साथ ही आयोजन समिति में भी बदलाव के संकेत हैं। मेले के संचालन की जिम्मेदारी वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति के पास होगी। वन भूमि में संचालित इस मेले में जिला पंचायत की भूमिका कम हो जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस साल नौ मार्च को पूर्णागिरि धाम के मेले के शुभारंभ मौके पर मेले को सालभर संचालित करने का एलान किया था। होली बाद शुरू होने वाले तीन माह के मेले के आयोजन के लिए गठित मेला आयोजन समिति में टनकपुर के एसडीएम मेला मजिस्ट्रेट और जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी मेलाधिकारी हैं। तीन माह के मेले और सालभर के मेले को चलाने की चुनौतियां अलग हैं। इसके मद्देनजर स्थायी रूप से मेला संचालन समिति गठित होगी। इसकी बागडोर एक वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी को दी जाएगी। सीएम के एलान के बाद से मेला क्षेत्र में सुविधाओं के विस्तार के साथ आधारभूत ढांचा बेहतर करने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। उत्तराखंड का ये पहला आध्यात्मिक क्षेत्र होगा जहां सालभर मेला होगा। इससे इस धर्मस्थल को अलग पहचान मिलेगी। पूर्णागिरि क्षेत्र में पेयजल, पथ प्रकाश को बेहतर करने के साथ स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार होगा।

सालभर के मेले के संचालन के लिए जरूरी सुविधाओं के अलावा आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है। बिजली, पेयजल, मोबाइल टावर सहित पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सालभर के मेला आयोजन के लिए वरिष्ठ पीसीएस स्तर की अध्यक्षता में एक स्थायी समिति बनाने का प्रस्ताव है। इसे लेकर पंचायती राज सचिव ने कुछ समय पहले बैठक भी ली थी। जिला प्रशासन इसे लेकर आख्या भेजी रही है। नरेंद्र सिंह भंडारी, डीएम चम्पावत