सेप्टीसीमिया से हुई थी प्रसूता संध्या की मौत, जांच में चम्पावत जिला अस्पताल को मिली क्लीन चिट
चम्पावत। बाजरीकोट की प्रसूता संध्या की मौत जिला अस्पताल की लापरवाही से नहीं बल्कि सेप्टीसीमिया की वजह से हुई है। जांच रिपोर्ट में जिला अस्पताल को क्लीन चिट दी गई है। मृतका के परिजनों ने जिला अस्पताल पर इलाज में लापरवाही कर दस हजार रुपये वसूलने का आरोप लगाया था लेकिन जांच में ये दोनों आरोप पुष्ट नहीं हो सके। बाजरीकोट की संध्या (24) पत्नी दीपक कुमार का 19 जुलाई को चम्पावत के जिला अस्पताल में ऑपरेशन से प्रसव हुआ था। 29 जुलाई को भोजीपुरा बरेली के एक निजी अस्पताल में संध्या की मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों ने मौत के लिए जिला अस्पताल की लापरवाही और दस हजार रुपये वसूलने के आरोप लगाते हुए शिकायत की थी।
शिकायत पर जिला स्तर से तीन सदस्यीय समिति बनी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि मृतक संध्या के परिजनों समेत जिला अस्पताल में इलाज, ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर आदि कर्मियों के बयान लिए गए। इलाज करने वाले अस्पतालों की पत्रावलियों को भी जांच का हिस्सा बनाया गया। जांच रिपोर्ट में जिला अस्पताल को क्लीन चिट देकर रिपोर्ट डीएम को भेज दी गई है। डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा है कि जांच रिपोर्ट में सेप्टीसीमिया से प्रसूता संध्या की मौत की आशंका जताई गई है। रिपोर्ट में जिला अस्पताल की किसी भी गलती से इनकार किया गया है। रुपये वसूलने के आरोपों की पुष्टि के लिए साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
रक्त का संक्रमण है सेप्टीसीमिया
चम्पावत। सेप्टीसीमिया रक्त का संक्रमण है जो जीवन के लिए घातक स्वास्थ्य जटिलता है। इस वजह से शरीर के कई अंग तंत्रों पर बुरा असर पड़ता है। संक्रमण गंभीर होने पर रक्तदाब तीव्रता से गिर सकता है। ऑर्गन फेलियर से मौत हो जाती है।