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सांसदों के व्यवहार में परिपक्वता और शालीनता जरूरी: कोश्यारी

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चम्पावत। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि संसदीय मर्यादा लोकतंत्र की नींव है। किसी भी सांसद के व्यवहार और आचरण में परिपक्वता और शालीनता की अपेक्षा की जाती है। शनिवार को निजी होटल में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सांसद रमेश बिधूड़ी की आपत्तिजनक टिप्पणी को लोकसभा की कार्रवाई से निकालने के अलावा सत्तारूढ़ दल की ओर से नोटिस देकर कड़ा संदेश दिया गया है। पूर्व राज्यपाल ने कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक को संसद से पारित कराना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व क्षमता की विजय है। इस कानून के लागू होने से देश की राजनीतिक में संवेदनशीलता के साथ गुणात्मक बदलाव आएगा। कोश्यारी ने कहा कि वे सक्रिय राजनीति में नहीं आएंगे। उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आर्थिक हालात में सुधार, पलायन रोकने से के प्रयास करेंगे। इससे पूर्व उन्होंने वरिष्ठ नेताओं नरेंद्र लडवाल, श्याम नारायण पांडे, शंकर पांडे, बहादुर सिंह फर्त्याल, निर्मल माहरा, मुकेश कलखुड़िया, गोविंद सामंत, प्रकाश तिवारी, विजय वर्मा आदि से विभिन्न मुद्दों पर मंत्रणा की। इससे पहले चम्पावत पहुंचने पर भाजपा के तमाम कार्यकर्ताओं ने कोश्यारी का जोरदार स्वागत किया।

कोश्यारी को समस्याओं से अवगत कराया
टनकपुर व बनबसा में भाजपा कार्यकर्ता और महाविद्यालय के छात्र नेताओं ने भगत सिंह कोश्यारी का स्वागत किया। बनबसा महाविद्यालय के छात्र नेताओं ने एमए की कक्षाएं स्वीकृत कराने और बीए में सभी विषयों की मांग की। रुद्रपुर से चम्पावत को जाते वक्त पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी टनकपुर में कुछ देर पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता रोहिताश अग्रवाल के आवास पर रुके। वहां सूक्ष्म जलपान के बाद वे चम्पावत को रवाना हुए। इससे पूर्व कार्यकर्ताओं ने बनबसा में पाटनी तिराहा पर कोश्यारी का स्वागत किया। इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष कमलेश भट्ट, जिला महामंत्री पूरन महरा, नारायण सिंह महरा, महिला मोर्चा जिला उपाध्यक्ष सुनीता मुरारी समेत काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।