टनकपुर

खनन कारोबारी वाहन मालिक माने, एक ओर से खनिज निकासी शुरू पर दूसरी ओर जारी है अड़ंगा

ख़बर शेयर करें -
एनएचपीसी द्वारा टेट्रापोट डालकर कालाझाला मार्ग बंद किए जाने के विरोध में प्रदर्शन करते खनन कारोबारी।

टनकपुर। एनएचपीसी के बैराज शुल्क के मामले में वन निगम के खनन प्रभाग और वन विभाग की ओर से हल निकाले जाने का आश्वासन मिलने पर खनन कारोबारियों व वाहन मालिकों ने धरना-प्रदर्शन खत्म कर दिया है। इसके बाद मंगलवार से खनिज निकासी शुरू हो गई है। वहीं एनएचपीसी की ओर से कालाझाला गेट बंद किए जाने से वहां से खनिज निकासी नहीं हो पाई। इससे भड़के कालाझाला गेट के वाहन मालिकों और कारोबारियों ने निकासी गेट पर प्रदर्शन किया। उन्होंने खनन और वन विभाग ने निकासी मार्ग मुहैया कराने की मांग की है। बाद में कालाझाला गेट के वाहनों की भी निकासी बैराज मार्ग से हुई।
डाउन स्ट्रीम से खनिज निकासी करने वाले वाहनों से एनएचपीसी की ओर से शुल्क वसूले जाने को लेकर सोमवार को वाहन मालिकों और कारोबारियों ने धरना प्रदर्शन कर निकासी रोक दी थी। देर शाम खनन प्रबंधक हरीश पाल और वन विभाग के एसडीओ आरके मौर्य ने आंदोलित वाहन मालिकों को जल्द बैराज शुल्क का मामला निपटाने का भरोसा देकर धरना-प्रदर्शन खत्म कराया। इसके बाद मंगलवार सुबह से खनिज निकासी शुरू हो गई लेकिन एनएचपीसी की ओर से कालाझाला गेट का निकासी मार्ग बंद कर दिए जाने से भड़के वाहन मालिकों ने प्रदर्शन कर निकासी मार्ग खोलने की मांग उठाई। बाद में कालाझाला गेट के वाहनों की भी बैराज मार्ग से निकासी कराई गई। इस मौके पर नवीन जोशी, जगदीश चंद, मनोज चंद, रमेश चंद, गोल्डी, दीपक भट्ट, संदीप, अनिल चंद, शिवराज चंद आदि शामिल मौजूद रहे। वहीं खनन प्रभारी हरीश पाल का कहना है कि कालाझाला निकासी मार्ग बंद किए जाने से वहां से खनिज ढो रहे वाहनों के लिए समस्या पैदा हो गई है। एनएचपीसी प्रबंधन ने पहले सैनिक छावनी पुल के रास्ते खनिज निकासी पर सहमति जताई थी, लेकिन अब पुल को खतरा बताकर मार्ग रोका जा रहा है। निकासी मार्ग का मामला सुलझाने के लिए जल्द ही एसडीएम की अध्यक्षता में एनएचपी प्रबंधन से वार्ता की जाएगी।

एनएचपीसी द्वारा टेट्रापोट डालकर बंद किया गया कालाझाला निकासी मार्ग।
Ad

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड