कोरोना से जान गंवाने वालों में आधे से अधिक लोग अकेले देहरादून जिले से
प्रदेश में कोरोना मरीजों की मौतें नहीं थम रही हैं। एक अप्रैल के बाद मृत्यु दर का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। अब तक प्रदेश में हुईं कुल संक्रमितों की मौतों में से 51 प्रतिशत मौतें अकेले देहरादून जिले में हुई हैं। प्रदेश में कुल मौतों में दो तिहाई मौतें 47 दिनों के भीतर हुई हैं। जबकि बीते एक साल में मरने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 1717 थी। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला बीते साल 15 मार्च को मिला था। तक से लेकर 31 मार्च 2021 तक प्रदेश में 1717 कोरोना मरीजों की मौत हुई थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मामले बढ़ने के साथ ही मृत्यु दर में तेजी आई है। एक अप्रैल से 17 मई तक प्रदेश में 3317 मरीजों ने दम तोड़ा है।
प्रदेश में मरीजों की मौत का आंकड़ा पांच हजार पार कर चुका है। अब तक कुल मौतों में से अकेले देहरादून जिले में 51 प्रतिशत (2571) मौतें हुई हैं। जबकि पर्वतीय जिलों में 689 मरीजों की मौतें हुई है, जो 14 प्रतिशत है। पर्वतीय जिलों में पौड़ी जिले में सबसे अधिक 228 मौतें हुई हैं। सोशल डवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग को मृत्यु दर को कम करने के लिए रणनीति बना कर काम करना होगा। प्रदेश में चार मैदानी जिलों में औसतन दो तिहाई सैंपल जांच की जा रही है। जिससे संक्रमण दर गिरा है। लेकिन पहाड़ों में हालात चिंताजनक हैं।