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उत्तराखंड : रजिस्ट्रार कार्यालय में जमीनों के रिकॉर्ड गायब होने पर सीएम सख्त, उप निबंधक रामदत्त मिश्र निलंबित, अगर जांच की जाए तो चम्पावत में भी हो सकते हैं बड़े खुलासे

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देहरादून/चम्पावत। रजिस्ट्रार कार्यालय देहरादून से जमीनों के रिकॉर्ड गायब होने, रजिस्ट्री दस्तावेजों में छेड़छाड़ व जालसाजी के मामले में उप निबंधक राम दत्त मिश्र को निलंबित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर महानिरीक्षक निबंधन अहमद इकबाल ने निलंबन के आदेश जारी किए हैं। मिश्र को सहायक महानिरीक्षक कार्यालय में संबद्ध किया।

स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन कार्यालय में जमीनों की रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेजों की फाइल गायब होने के साथ ही रजिस्ट्री की फाइलों में छेड़छाड़ के मामले में सरकार ने पहली कार्रवाई की है। उप निबंधक राम दत्त मिश्र को अपने दायित्व व कर्तव्यों का निर्वहन न करने पर राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत निलंबित किया गया। मिश्र को अलग से चार्टशीट जारी की जाएगी। कार्यालय से जमीनों की रजिस्ट्री में अनियमितता सामने आने पर मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर एसआईटी गठित की गई। जो मामले की जांच कर रही है। इससे पहले सरकार ने उप निबंधन के खिलाफ कार्रवाई की है।

जमीनों के रिकॉर्ड में जालसाजी करने वालों पर करेंगे कड़ी कार्रवाई : सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जमीनों की रजिस्ट्री के रिकॉर्ड में जालसाजी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सरकार ने पहले ही एसआईटी गठित कर दी है। सचिवालय में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन कार्यालय में रजिस्ट्री की फाइलों के पन्ने बदल गए। रजिस्ट्री में जमीन का जो असली मालिक है। उसकी जानकारी ही गायब करने की शिकायत मिली थी। इस पर मैंने स्वयं कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। जमीनों के रिकॉर्ड में जालसाजी करने वालों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। सीएम ने कहा कि प्रदेश में जो अच्छे तरीके से रहने वाले लोग हैं, उनकी अपनी जमीनें या पुरानी जायदाद हैं। इस पर कोई संकट न आए और उनके मन में किसी तरह का संदेह न हो। वो निश्चिंत होकर यहां रहें। इसकी व्यवस्था सरकार कर रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र चम्पावत की बात की जाए तो चम्पावत तहसील के दस्तावेजों की अगर गहराई से जांच की जाए तो यहां भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागर हो सकती है। चम्पावत तहसील में जमीन के दलालों का रोजाना अच्छा खासा जमावड़ा रहता है। कुछ दलाल व जालसाल तो चम्पावत तहसील में वर्षों से रोजाना सुबह से शाम तक जमे हुए दिखाई देते रहे हैं। वर्तमान में भी उनकी सक्रियता कम नहीं हुई है। अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जमीनों की गड़बड़ी के मामलों की जांच देहरादून के साथ ही अपनी विधानसभा की चम्पावत तहसील से भी गहन जांच कराएं तो बड़े बड़े जमीन घोटालों का भंडाफोड़ हो सकता है। यहां तो अक्सर इस बात की चर्चा होती है कि तहसील में सक्रिय दलालों व जालसालों के चक्कर में आए तमाम लोग आए दिन अपनी किस्मत को कोसते रहते हैं। तमाम लोग आपसदारी के चक्कर या फिर सामाजिक प्रतिष्ठा की वजह से सामने आने से बचते हैं। अगर उन्हें निष्पक्ष जांच और कार्यवाही का भरोसा मिले तो तमाम पीड़ित लोग सामने आ सकते हैं। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र की तहसीलों के दस्तावेजों की जांच कराते हैं या नहीं …….