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उत्तराखंड: बर्खास्तगी से पहले विधायक का इस्तीफा हुआ मंजूर…उप चुनाव में भाजपा की ओर से लड़ेंगे विधायक का चुनाव!

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उत्तराखंड में एक विधायक का बर्खास्तगी से पहले इस्तीफा मंजूर हो गया है। जनपद चमोली, 04-बद्रीनाथ विधान सभा क्षेत्र से राजेन्द्र सिंह भण्डारी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। आज रविवार 17 मार्च को उन्होंने कांग्रेस पार्टी को टाटा बॉय बॉय करते हुए भाजपा ज्वाइन कर ली। इस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर दलबदल कानून का हवाला देते हुए राजेंद्र भंडारी को विधानसभा की सदस्यता से बर्खास्त करने की मांग की थी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पत्र पर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोई कार्रवाई होती, इससे पहले ही विधायक राजेंद्र भंडारी का इस्तीफा मंजूर किए जाने की खबर सामने आ गई। विधानसभा के उप सचिव लेखा हेम चंद्र पंत की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार राजेंद्र भंडारी का इस्तीफा मंजूर किया गया है। फिलहाल मीडिया में हेम चंद्र पंत की ओर से जारी अधिसूचना ही वायरल हो रही है। राजेंद्र भंडारी के इस्तीफा कहीं नहीं दिख रहा है। माना जा रहा है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से राजेंद्र भंडारी को दलबदल कानून के तहत बर्खास्त कर दिया जाता तो वे अगले छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पाते। वहीं अब उनका इस्तीफा मंजूर हो गया है तो वे जब भी उप चुनाव होगा, चुनाव लड़ सकते हैं।

अब ये तकनीकी विषय होगा कि राजेंद्र भंडारी का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष के पास पहले पहुंचा था या फिर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का पत्र। हालात देख कर यह लगता नहीं कि करन माहरा का पत्र विधानसभा अध्यक्ष के पास पहले पहुंचा होगा…!

अब तक उत्तराखंड में जिन भी कांग्रेस नेताओं के इस्तीफे हुए उनके इस्तीफ पहले वायरल हुए, उसके बाद से भाजपा में शामिल हुए। विधायक राजेंद्र भंडारी के मामले में यह हुआ है कि उनका इस्तीफा वायरल होने से पहले उनकी भाजपा में शामिल होने खबर आई और उसके बाद इस्तीफा स्वीकृत होने का पत्र वायरल हो रहा है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने राजेंद्र भंडारी के भाजपा में शामिल होने की खबर मिलते ही विस अध्यक्ष को पत्र लिख कर उन्हें बर्खास्त किए जाने की मांग की थी। इस घटनाक्रम के बाद जानकार लोगों के बीच चर्चा हो रही है कि उत्तराखंड भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में हुए घटनाक्रम से सबक लेते हुए इस्तीफे वाली रणनीति अपनाई है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे किस स्तर की राजनीति होती है।