पवनदीप राजन और मधुर मुस्कान …
मधुर मुस्कान किसान के चेहरे पर तब आती है,जब उसकी फसल खलिहानों से उठकर भूखे पेटों कि आग को बुझाती है, एक जवान के चेहरे पर तब आती है, जब उसके बंदूक की गोली दुश्मन के सीने के आर पार हो जाती है, कुम्हार के चेहरे पर तब आती है जब उसकी मिट्टी को मूरत मिलती है, भटके पथिक/छात्र/बेरोजगार युवाओं के चेहरे पर तब आती है जब उन्हें उनकी मंजिल मिल जाती है, मझधार में फसे नाविक के चेहरे पर तब आती है जब उसकी कश्ती दरिया के पार लग जाती है। आज पवनदीप राजन से मिलने के बाद भैरव राय जी के चेहरे की मुस्कान भी कुछ ऐसी ही अलग कहानी बयां कर रही है। आंखिर हो भी क्यों नहीं, वह ढाई साल के जिस कलाकार की कला को पहचान कर गोद में उठाकर मंच पर ले आए थे आज वही कलाकार भारत के सबसे बड़े मंच की शान एवं लाखों युवाओं के दिल की धड़कन बना हुआ है। निस्वार्थ रूप से अपनी संस्कृति को जीवंत रखते हुए आपने कई कलाकारों को इन्हीं छोटे-छोटे मंचों से उठाकर बड़े मंचों तक पहुंचाया है। आपकी पूरी टीम, कुमाऊं लोक सांस्कृतिक कला दर्पण,लोहाघाट, श्री राम सेवा सांस्कृतिक समिति,लोहाघाट के संपूर्ण परिवार को पवनदीप राजन को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए हृदय की अनंत गहराइयों से हार्दिक बधाइयां।
नगेंद्र कुमार जोशी अध्यक्ष
लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच बाराकोट