उत्तराखण्ड

कोतवाल को हटाने के लिए सड़कों पर उतरे लोग, कहा-न्याय मांगने पर थोप दिए मुकदमे

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रामनगर। सड़क हादसे (Ramnagar road accident) में मृतक परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिसिया कार्रवाई का जोरदार विरोध हो रहा है। लोग दर्ज मुकदमे (Case registered against protesters) को वापस लेने की मांग को लेकर लगातार मुखर हैं और कोतवाल अरूण कुमार सैनी पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कोतवाल को बर्खास्त करने की मांग की है और उनकी भूमिका को संदिग्ध बताया है। लोगों ने कोतवाल को हटाने को लेकर प्रदर्शन कर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।
मालूम हो कि राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी (State agitator Prabhat Dhyani) के नेतृत्व में रामनगर के शहीद पार्क से जुलूस निकाला गया। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम गौरव चटवाल के माध्यम से पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने तहसील पहुंचकर कोतवाल के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही कोतवाल को हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मामले में जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वो उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उन्होंने हादसे में मृतक सुरेश के परिवार को मुआवजा देने और पुलिस की भूमिका की जांच की मांग की है। वहीं प्रदर्शनकारियों पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की।
गौरतलब है कि बीते रविवार को पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे 12 नामजद सहित 15 से 20 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। सभी लोग बीते मंगलवार को ग्राम आमडंडा खत्ता निवासी सुरेश चंद्र की सड़क हादसे में हुई मौत के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। गुस्साए लोगों ने कोतवाली पहुंच कर धरना-प्रदर्शन किया था। मामले में पुलिस ने प्रभात ध्यानी, मनमोहन अग्रवाल, चिन्ताराम, केशव कुकरेती, हेमा टम्टा, गोपाल बिष्ट, शंकर आर्या, भुवन आर्या, कमल फुलारा, प्रकाश आर्या, हीरा लाल, हीरा लाल आर्या और 15-20 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।

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