उत्तराखंड : साइबर सुरक्षा के तहत पुलिस ने 47.02 करोड़ की राशि पीड़ितों को कराई वापस
दोषसिद्धि दर राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से अधिक, अंतरराज्यीय नेटवर्क पर कार्रवाई, 500 से अधिक आरोपी गिरफ्तार, सैकड़ों वेबसाइट और अकाउंट ब्लॉक, ‘ऑपरेशन प्रहार’ और ‘ऑपरेशन हेली’ के तहत देशभर में की कार्रवाई
देहरादून। उत्तराखंड राज्य में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं पीड़ितों के आर्थिक संरक्षण को उत्तराखंड पुलिस द्वारा निरंतर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP – 1930) और भारतीय गृह मंत्रालय के I4C प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘मनी सेव्ड’ और ‘मनी रिटर्न्ड’ में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की गई है।
राष्ट्रीय प्रदर्शन में उत्तराखंड की उपलब्धि… 6वाँ स्थान (All India) – “Money Saving” (₹47 करोड़, NCRP/I4C के अनुसार)। 6वाँ स्थान – “Inter-State Coordination & Case Solving” में उत्कृष्ट समन्वय।
उत्तराखंड पुलिस साइबर अपराधियों के नेटवर्क को ट्रैक करने और अंतरराज्यीय एजेंसियों (UP, दिल्ली, झारखंड, तेलंगाना) के साथ संयुक्त अभियानों में उल्लेखनीय भूमिका निभा रही है।
मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशों एवं पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के मार्गदर्शन में, उत्तराखंड साइबर पुलिस निरंतर लोगों के पैसे बचाने, जागरूकता अभियान चलाने और देश भर से गिरफ्तारियां करने में सक्रिय है। साथ ही, साइबर अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कर साइबर पीड़ितों को न्याय दिलाने का काम भी प्रभावी रूप से किया जा रहा है। अभियोगों की समीक्षा ADG लॉ एवं आर्डर/साइबर डॉ. वी. मुरूगेशन तथा IG लॉ एवं आर्डर/साइबर डॉ. नीलेश आनंद भरणे द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले दिशा-निर्देशों के अनुरूप की जाती है। उत्तराखंड पुलिस द्वारा साइबर अपराध नियंत्रण, पीड़ितों की धनराशि बचाने एवं अपराधियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई में निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जा रहा है।
वर्ष 2021–25 में उत्तराखंड पुलिस द्वारा NCRP के माध्यम से पीड़ितों को ₹47.02 करोड़ से अधिक की राशि वापस करवाई गई , जो उत्तर भारत के राज्यों में सर्वोच्च प्रदर्शन में शामिल है।
महत्वपूर्ण प्रकरणों का निस्तारण…
— साइबर थाना देहरादून व उधमसिंहनगर द्वारा 2023–24 में 20 से अधिक राज्य स्तरीय और अंतरराज्यीय साइबर ठगी मामलों का सफल निस्तारण।
— ‘फेक ट्रेडिंग ऐप’, ‘फिशिंग लिंक’, ‘OTP फ्रॉड’, ‘UPI ठगी’ जैसी प्रमुख प्रवृत्तियों पर कार्रवाई।
— दर्जनों साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी, जिनमें बिहार, झारखंड और दिल्ली-एनसीआर नेटवर्क के आरोपी भी शामिल है।
— औसतन 87% आरोपियों को चार्जशीट किया गया — जो राष्ट्रीय औसत (33.9%) से कहीं अधिक है।
— दोषसिद्धि दर (Conviction Rate) 64.7%, जो राष्ट्रीय औसत (27.2%) से दोगुनी से अधिक है।
राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मामलों में 500 से ज़्यादा अपराधियों को गिरफ़्तार किया गया है।
दुबई, कंबोडिया, म्यांमार से जुड़े चीनी मामलों का भंडाफोड़ किया गया।
औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में एक टीम ने 2022 में एक अंतर्राष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया और सिम बॉक्स बरामद किया। (लगभग 12 स्थानीय कॉल सेंटर भी पकड़े गए)
ऑपरेशन प्रहार के तहत पूरे भारत में 65 अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई (2025)।
ऑपरेशन हेली के तहत 150 से ज़्यादा वेबसाइट, 150 व्हाट्सएप नंबर और बैंक खाते ब्लॉक किए गए। इसी तरह, सैकड़ों फ़ेसबुक/इंस्टाग्राम विज्ञापनों को ब्लॉक किया गया।
उत्तराखंड साइबर को DSCI (2024) द्वारा शीर्ष 3 इकाई का दर्जा दिया गया।
साईबर क्राइम देश भर में बढ रहा है इस दिशा में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा कॉल सेंटर आदि की चैकिंग की जायेगी। माह अक्टूबर को साईबर अपराध जनजागरूकता महीने के रूप में मनाया जायेगा जिससे कि लोंगों को अधिक से अधिक जागरूक कर सकें।