वर्तमान में सरकार द्वारा किए गए स्थानांतरण दुर्गम में लंबे समय से सेवा दे रहे शिक्षकों एवं कार्मिकों के साथ छलावा

सरकार द्वारा वर्तमान में किए गए स्थानांतरण शिक्षकों एवं कार्मिकों के प्रति सरकार की नियत पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं, सरकार ने यदि की स्थानांतरण करने ही थे तो पूर्व में स्थानांतरण सत्र शून्य नहीं करना चाहिए था। यदि स्थानांतरण एक्ट के अनुरोध किए गए होते तो सभी कार्मिकों एवं शिक्षकों के साथ के साथ न्याय होता तथा दुर्गम स्थानों पर लंबे समय से विषम परिस्थितियों में अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षकों एवं कार्मिकों को भी लाभ मिलता जो इन स्थानांतरण से नहीं मिल पाया वर्तमान में इतनी अधिक संख्या में शिक्षकों के स्थानांतरण किए जाने के बावजूद भी विभिन्न विभागों में कार्यरत किसी भी कार्मिक का स्थानांतरण नहीं किया गया जो सभी कार्मिकों के साथ बहुत बड़ा कुठाराघात है।

नगेंद्र कुमार जोशी,अध्यक्ष
उत्तरांचल(पर्वतीय) कर्मचारी-शिक्षक संगठन, उत्तराखंड
जनपद चंपावत
