टनकपुर # खनन कारोबारियों पर पड़ रही वसूली की चोट, वायरल वीडियो से खुल रही पोल

टनकपुर्। शारदा नदी में खनन शुरू होते ही अवैध वसूली का भी खुला खेल चालू हो गया है। कांटे के पास बना एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें स्पष्ट नजर आ रहा है कि बगैर पर्ची के प्रति वाहन से 40 रुपये वसूली की जा रही है। वीडियो में वसूली करने वाला व्यक्ति साफ साफ कहता दिख रहा है कि वसूली की रकम का हिस्सा पुलिस और परिवहन विभाग तक पहुंचाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो खासा चर्चा का विषय बना हुआ है। वीडियो वायरल होने से हड़कंप मचा हुआ है।
डाउन स्ट्रीम में कांटे के पास का एक वीडियो कुछ दिनों से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा रहा है कि कारोबारी पुलिस और एआरटीओ के नाम पर प्रति वाहन प्रति चक्कर वसूली की बात कह रहे हैं। वीडियो में वसूलीकर्ता प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपये परिवहन विभाग को देने का दावा करता सुनाई दे रहा है। हालांकि पुलिस को महीना दिए जाने की बात को टाल रहा है। इधर, सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस को भी प्रतिमाह एक लाख दिए जाने की डील हुई है। वहीं, एक अलग वीडियो में बगैर रसीद के यूनियन पर 40 रुपये प्रति वाहन वूसली की भी बातें सामने आई है। बताया जा रहा है कि खनन वाहनों से अवैध वसूली से संबंधित ये वीडियो शासन तक भी पहुंच गया है।

रुपये देने पर नहीं होती कार्रवाई
हर दिन 40-40 रुपये देना कारोबारियों की नियती बन गई है। बताते हैं कि खनन वाहनों में कई प्रकार की कमियां रहती हैं। पकड़े जाने पर संबंधित वाहन का चालान होना तय होता है। सूत्रों के मुताबिक 40 रुपये देने वाले वाले वाहन चालकों को सड़क पर यातायात नियम तोड़ने या अन्य प्रकार की सभी छूट दी जाती है। रुपये न देने वालों के वाहनों को सीज करने की चेतावनी दी गई है।
वायरल वीडियो संज्ञान में, जांच शुरू : एसपी
एसपी देवेंद्र पींचा ने बताया है कि दोनों वायरल वीडियो उनके संज्ञान में आए हैं। जिसके बाद इसकी उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
हर माह छह लाख की वसूली
शारदा नदी के डाउन स्ट्रीम से हर रोज औसतन पांच सौ वाहनों से खनन की निकासी की जाती है। हर वाहन चालक से 40 रुपये वसूली हो रही है। इस हिसाब से हर रोज 20 हजार जबकि महीने में खनन के नाम पर छह लाख की वसूली हो रही है। 40 रुपये जमा करने की कारोबारियों को रसीद भी नहीं दी जाती है।
