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उत्तर प्रदेश में अफवाह से पूर्णागिरि मेले की रौनक पर असर, श्रद्धालुओं की संख्या में आ रही गिरावट

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टनकपुर। 30 मार्च को शुरू हुए पूर्णागिरि मेले में श्रद्धालुओं की आवाजाही का सिलसिला लगातार बना हुआ है। हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु देवी मां के दर्शन कर पुण्य कमा रहे हैं। उधर उत्तर प्रदेश में मेला बंद होने की अफवाह से मेले की रौनक पर असर पड़ गया है। अफवाह के कारण उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु फोन कर मेले की स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे हैं। इस वजह से श्रद्धालुओं की संख्या में भी गिरावट दिखाई दे रही है।
पूर्णागिरि मेले में उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु देवी मां के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा जारी नियमों से मेले की रौनक पर असर पड़ा है, लेकिन उससे भी ज्यादा असर मेले को लेकर यूपी में फैली अफवाह से पड़ा है। बताया गया कि यूपी में सोशल मीडिया के जरिये कोरोना के कारण पूर्णागिरि मेला बंद कर दिए जाने की अफवाह तेजी से वायरल हुई है। इसके चलते श्रद्धालुओं की संख्या में भी तेजी से गिरावट आई है। अफवाह के कारण मां पूर्णागिरि के दर्शन के लिए आने की योजना बना रहे श्रद्धालु असमंजस में पड़ गए हैं। उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु फोन पर धाम के व्यापारी, पुजारी और अपने अन्य संपर्कों से मेले की स्थिति का पता कर रहे हैं।
मंदिर समिति अध्यक्ष पंडित भुवन चंद्र पांडेय ने बताया कि पिछले दो दिनों में यूपी के कई श्रद्धालु फोन कर मेला बंद होने के बारे में पता कर चुके हैं। रेलवे स्टेशन अधीक्षक डीएस दरियाल, सपना होटल के स्वामी बॉबी पुठिया, धाम के पुजारी पंडित भैरव दत्त पांडेय और मंदिर समिति उपाध्यक्ष नीरज पांडेय ने भी बताया कि मेले को लेकर फोन पर उनसे भी कई श्रद्धालु पूछ चुके हैं।

मेला कमेटी ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा
नगर पालिका के सभासदों की मेला कमेटी की टीम ने सोमवार को स्नानघाट में सुरक्षा और सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। टीम में कमेटी अध्यक्ष हसीब अहमद के नेतृत्व में निरीक्षण करने वाली टीम में सभासद कपिल उप्रेती, तुलसी कुंवर, अमित भट्ट, योगेश पांडेय शामिल रहे।

दुरुस्त नहीं हुई पानी की व्यवस्था
मेला शुरू हुए एक सप्ताह बीतने के बाद भी मेला क्षेत्र में पानी की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई है। मंदिर समिति कोषाध्यक्ष कैलाश पांडेय ने बताया है कि काली मंदिर, टुन्यास, सिद्धमोड़ आदि क्षेत्रों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होने से दुकानदारों और श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। सूचना के बावजूद जल संस्थान लापरवाह बना हुआ है।