विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में प्रगट हुए शिव, भक्तों की उमड़ी भीड़
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम (Jageshwar Dham) में खोदाई के दौरान अचानक भगवान शिव (Lord Shiva) प्रगट होने से भक्तों में कौतुहल का माहौल है। चंद पलों में ही ये खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। कौतुहलपूर्ण माहौल में भक्तजन भगवान शिव के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। ये मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जागेश्वर धाम में बुधवार को मंदिर समूह में भगवान शिव का एक अदभुत लिंग धरती से सामने आ गया। दरअसल, जागेश्वर धाम में इन दिनों मास्टर प्लान के तहत लाइटिंग के लिए केबल बिछाने का काम चल रहा है। इसके लिए कार्यदायी संस्था पूरे मंदिर समूह में खोदाई कार्य कर रही है। बताया जा रहा है कि आज खोदाई के दौरान श्रमिकों को केदारनाथ व जागेश्वर मंदिर के ठीक पीछे धरती के नीचे एक प्राचीन शिवलिंग मिला। कुछ ही देर में इसकी जानकारी पूरे इलाके में पहुंच गई थी। जानकारी मिलते ही स्थानीय पुजारी और भक्तजन अदभुत शिवलिंग के दर्शन को दौड़ पड़े।
जमीन से करीब एक फिट नीचे मिला शिवलिंग
खोदाई के दौरान जमीन से करीब एक फिट नीचे ही वास्तविक स्थिति में शिवलिंग मिलने से कौतुहल पैदा हो गया था। उसके बाद कार्यदायी संस्था ने उस स्थान पर खोदाई का कार्य रोक दिया था। शिवलिंग प्रगट होने की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में श्रद्धालु भी मौके पर पहुंच गए थे। जमीन के भीतर से शिवलिंग निकलने की जानकारी सुबह करीब दस बजे सामने आई। मामला सामने आते ही मंदिर समूह, होटलों या बाजार में मौजूद श्रद्धालु मौके की ओर दौड़ पड़े। भक्तों ने रोली, चंदन और पुष्प अर्पित कर भगवान शिव का विधिवत पूजन किया। साथ ही भोले के जयकारे भी लगाए।
लिंग रूप में शिव पूजन यहीं से हुआ शुरू
बताया जाता है कि जागेश्वर धाम से ही धरती पर भगवान शिव की लिंग रूप में पूजा की शुरुआत हुई थी। जागेश्वर मंदिर समूह में भगवान शिव के करीब 108 मंदिर हैं। जागेश्वर से डेढ़ किमी दूर कोटेश्वर में कोटलिंग नामक स्थान पर खोदाई के दौरान कई शिवलिंग मिल चुके हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम भी कोटलिंग का सर्वे कर चुकी है।