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पीएम मोदी की सुरक्षा में लगे SPG निदेशक अरुण कुमार सिन्हा का निधन, लिवर की बीमारी से थे पीड़ित

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लगे एसपीजी डायरेक्टर एके सिन्हा का निधन हो गया है। अरुण कुमार सिन्हा पिछले कुछ दिनों से लिवर की बीमारी से पीड़ित थे। 61 वर्ष की उम्र में उन्होंने दुनिया का अलविद कह दिया। उनका निधन 6 सितंबर को सुबह गुरुग्राम स्थित मेदांता हॉस्पिटल में हुआ। बता दें कि अरुण कुमार सिन्हा 1887 बैच के केरल कैडर से थे। वे आईपीएस अधिकारी के तौर पर नियुक्त किए गए थे। हाल में एके सिन्हा को बतौर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG के डायरेक्टर के कार्यकाल में एक वर्ष का एक्सटेंशन भी दिया गया था। सिन्हा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी दी गई थी।

2016 से संभाल रहे थे SPG की कमान
अरुण सिन्हा वर्ष 2016 से ही एसपीजी की कमान बतौर निदेशक संभाल रहे थे। बता दें कि एसपीजी का प्रमुख काम प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा का होता है। एसपीजी का गठन 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निधन के बाद किया गया था। 1988 में एसपीजी एक्ट पारित किया गया। मौजूदा समय में सिन्हा पीएम मोदी की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी देख रहे थे।

इन पदों पर भी काम कर चुके एके सिन्हा
इससे पहले अरुण सिन्हा ने कई पदों पर काम किया है। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विशेष सेवा के साथ-साथ यातायात की जिम्मेदारी भी संभाली है। इन पदों पर काम करने के बाद एके सिन्हा को केंद्र सरकार की ओर से डेप्युटेशन पर बुलाया गया था। यहां से उन्हें बीएसएफ में भी एक साल काम दिया गया।

झारखंड से की पढ़ाई
एके सिन्हा की पढ़ाई झारखंड राज्य से हुई थी। यहां से वे बतौर आईपीएस केरल पुलिस में पदस्थ हुए। यहां उन्होंने डीसीपी से लेकर कमिश्नर, आईजी और इंटेलिजेंस के अलावा एडमिनिस्ट्रेशन में भी उच्च पदों पर काम किया।

इंदिरा की हत्या के बाद हुआ था एसपीजी का गठन
31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी. इसके बाद 1988 में संसद में एसपीजी एक्ट पारित किया गया। उस समय भी मौजूदा प्रधानमंत्री को ही सुरक्षा देने का प्रावधान था। पूर्व प्रधानमंत्रियों को नहीं। यही वजह थी कि 1989 में वीपी सिंह की सरकार ने राजीव गांधी का एसपीजी कवर हटा दिया था। 1991 में राजीव गांधी की भी हत्या हो गई। इसके बाद एसपीजी कानून में संशोधन हुआ। प्रावधान किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार को पद से हटने के 10 साल बाद तक एसपीजी सुरक्षा मिलेगी।