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सुनीता देवी होंगी इंटर कॉलेज सूखीढांग की भोजन माता, एसएमसी और पीटीए की बैठक में किया गया अनुमोदन

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चम्पावत। सूखीढांग इंटर कॉलेज में अब एससी वर्ग की सुनीता देवी ही भोजन माता होंगी। एसएमसी और पीटीए की बैठक में सर्व सम्मति स सुनीता देवी को भोजन माता के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही भोजन माता की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद का भी अंत हो गया। शीतकालीन अवकाश के बाद विद्यालय खुलने पर सुनीता देवी अपना पद भार ग्रहण कर लेंगी।
शुक्रवार को टनकपुर के एसडीएम हिमांशु कफल्टिया, सीईओ आरसी पुरोहित, चल्थी चौकी इंचार्ज देवेंद्र सिंह की मौजूदगी में एसएमसी और पीटीए की बैठक शुरू हुई। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भोजन माता की नियुक्ति से संबंधित नियमावली लोगों के सामने रखी। सुनीता देवी की कमजोर आर्थिक स्थिति और एससी वर्ग की होने के कारण उन्हें प्राथमिकता में रखा गया। एसएमसी और पीटीए सदस्यों ने सुनीता देवी को इस पद पर रखे जाने का प्रस्ताव पारित कर दिया। बैठक में सीईओ ने पूरे विवाद के लिए विद्यालय प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि अब तक हुई विभिन्न जांच में विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई है। उन्होंने प्रकरण में प्रधानाचार्य प्रेम सिंह की गलत भूमिका के लिए उन्हें फटकार भी लगाई। बैठक में निर्णय लिया गया कि शीतकालीन अवकाश के बाद 15 जनवरी को विद्यालय खुलने के बाद सुनीता देवी भोजन माता के रूप में कार्य करना शुरू कर देंगी। बैठक में प्रधानाचार्य के अलावा जौल के ग्राम प्रधान दीपक राम, सियाला के प्रधान जगदीश प्रसाद, क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपा देवी, पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र जोशी, एसएमसी अध्यक्ष स्वरूप राम, वार्ड सदस्य पूजा बिष्ट, सतीश, महेश चंद्र, निशा गहतोड़ी, हीरा देवी आदि मौजूद रहे।

शकुंतला देवी ने सीएम को भेजा ज्ञापन
चम्पावत। उम्र अधिक होने का हवाला देते हुए भोजन माता के पद से निकाली गई शकुंतला देवी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर उनके साथ न्याय करने की गुहार लगाई है। कहा है कि प्रधानाचार्य ने उन्हें गलत तरीके से भोजन माता के पद से हटा दिया। इसके लिए एसएमसी ने कोई प्रस्ताव नहीं दिया था। उन्होंने भोजन माता पद पर फिर से नियुक्त किए जाने की मांग की है।

यहां से शुरू हुआ विवाद
चम्पावत। विद्यालय में पूर्व भोजन माता शकुंतला देवी को उम्र अधिक होने का हवाला देते हुए उन्हें हटाने के बाद विवाद शुरू हुआ। 28 अक्टूबर को प्रधानाचार्य प्रेम सिंह ने नई भोजन माता की नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। 11 अक्टूबर तक यहां भोजन माता के रूप में शकुंतला देवी और विमलेश उप्रेती काम कर रही थीं। पहली विज्ञप्ति निकलने के बाद छह महिलाओं ने आवेदन किए थे। जिसमें एक अनुसूचित जाति और पांच सामान्य वर्ग के थे। एसएमसी और पीटीए सदस्यों ने पुष्पा भट्ट के नाम का प्रस्ताव किया, लेकिन पुष्पा के एपीएल श्रेणी में होने के कारण उनका नाम फाइनल नहीं हो पाया। प्रधानाचार्य ने पहली विज्ञप्ति को निरस्त कर 12 नवंबर को नई विज्ञप्ति जारी की। जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति की महिला को प्राथमिकता दिए जाने का उल्लेख किया गया। दूसरी विज्ञप्ति निकाने के बाद 11 आवेदन आए जिनमें से एक को निरस्त कर दिया गया। शेष 10 महिलाओं में से पांच सामान्य और पांच एससी वर्ग के आवेदन बचे। 25 नवंबर को इन आवेदनों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में सामान्य वर्ग के अभिभावकों ने पुष्पा भट्ट के नाम का प्रस्ताव किया लेकिन एससी वर्ग के अभिभावक सुनीता देवी के पक्ष में खड़े हो गए। विवाद बढऩे के बाद एससी वर्ग के अभिभावक बैठक छोड़कर चले गए। बैठक में परित्यक्ता पुष्पा भट्ट के नाम का प्रस्ताव पास कर लिया गया, लेकिन प्रधानाचार्य ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए। चार दिसंबर को प्रधानाचार्य प्रेम सिंह ने बैठक बुलाई जिसमें सामान्य वर्ग के अभिभावक शामिल नहीं हुए और सुनीता देवी को भोजन माता के रूप में नियुक्त कर लिया गया। सुनीता देवी ने 13 दिसंबर से भोजन बनाना शुरू कर दिया। लेकिन उनके नाम के प्रस्ताव में उप खंड शिक्षा अधिकारी की संस्तुति नहीं कराई गई। इधर सुनीता देवी के हाथ से बना भोजन ग्रहण नहीं करने के बाद मामला सुर्खियों में आ गया।

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड