चंपावतजनपद चम्पावतनवीनतम

स्वाला की आफत : बड़े बड़े बोल्डरों से पटा एनएच, मलवा हटाना बना चुनौती

ख़बर शेयर करें -

चम्पावत। टनकपुर चम्पावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला के समीप आ रहा मलवा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आज सुबह तो एनएच बड़े बड़े बोल्डरों से पटा हुआ था। मौके पर लगी मशीनों के लिए मलवे को हटाना बड़ी चुनौती बन गया है। प्रशासन ने फिलहाल आज भी एनएच पर वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं व्यापारियों से डीएम ने चार दिन का समय मांगा है। अब देखना होगा कि एनएच पर यातायात कब सामान्य हो पाएगा।

एनएच पर स्वाला के समीप बने डेंजर जोन पर 12 सितंबर से लगातार मलबा आ रहा है। जिससे यह लोगों के साथ शासन प्रशासन व एनएच के लिए सिरदर्द बना हुआ है। मलबे के निस्तारण के लिए 19 सितंबर से इस हिस्से को सुबह 6 बजे से मध्यान्ह 12 बजे तक आवाजाही के लिए बंद रखा गया है। जबकि 24 सितंबर से अब तक पूरे दिन आवाजाही पर रोक लगाई गई है। आज 26 सितंबर को स्वांला से सड़क से मलबा हटाने में बारिश भी व्यवधान कर रही है। अलबत्ता काम करा रही कंपनी बारिश के बावजूद मलबे को हटाने की कोशिश कर रही है।


लोनिवि के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोहाघाट खंड के अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार का कहना है कि स्वांला में करीब 75 मीटर के हिस्से को खोलने के लिए 4 मशीनें लगाई गई हैं। कंपनी के प्रतिनिधि पीडी जोशी का कहना है कि पहाड़ी से बीच-बीच में गिर रहा मलबा और बारिश काम के बीच तगड़ी चुनौती पेश कर रही है। मौसम और मौजूदा हालात के मद्देनजर स्वांला की अड़चन आज 26 सितंबर को दूर हो पाएगी, इसकी संभावना कम दिखती है। वहीं टनकपुर- चम्पावत के बीच सफर करने वालों को जीप-टैक्सी के जरिए रीठासाहिब-सूखीढांग होते हुए 70 किलोमीटर अधिक दूरी और ज्यादा किराया देकर कठिनाइयों के बीच आवाजाही करनी पड़ रही है। रोड बंद होने से न केवल चम्पावत, बल्कि टनकपुर-चम्पावत रोड पर स्थित ढाबे और अन्य कारोबारी गतिविधियां ठप हैं। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा चम्पावत जिले की 6 अन्य सड़कें भी बंद हैं।