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सोबन सिंह जीना विवि में स्थापित हुआ स्वामी विवेकानंद अध्ययन एवं शोध केंद्र, डॉ.नवीन भट्ट बनाए गए निदेशक

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अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा द्वारा स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र की स्थापना की गई है। योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट को केंद्र का निदेशक नियुक्त किया गया है। मालूम हो कि स्वामी विवेकानन्द द्वारा उत्तराखंड के अनेक स्थानों पर प्रवास किया व ध्यान कर ज्ञान की प्राप्ति की। स्वामी विवेकानन्द द्वारा अमेरिका जाने से पूर्व अल्मोड़ा में कई अनुभव प्राप्त किये है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय का स्वामी विवेकानन्द शोध एवं अध्धयन केंद्र रचनात्मक एवं सेवा कार्यों के माध्यम समाज को लाभान्वित करने का प्रयास करेगा। विश्वविद्यालय द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्य को संपादित करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा योग विज्ञान विभाग के अंतर्गत ही इसे संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इस महत्वपूर्ण पीठ की स्थापना से जहां वेद, पुराण व उपनिषद, दर्शन के माध्यम से स्वामी विवेकानंद जी के योगदान पर प्रकाश पड़ सकेगा। वहीं स्वामी विवेकानन्द अल्मोड़ा को एक वैदिक शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित करना चाहते थे। इस पीठ की स्थापना से विश्वविद्यालय राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी छवि बना सकेगा।साथ ही रचनात्मक,सामाजिक व अनेक प्रकार के सेवा कार्य भी इस पीठ द्वारा समय समय पर संचालित होंगे। साथ ही योग, दर्शन व पर्यटन के क्षेत्र भी नए कार्य किये जा सकेंगे। स्वामी विवेकानन्द शोध एवम अध्धयन केंद्र के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय महत्व को देखते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनएस भंडारी द्वारा योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट को संयोजक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है। डॉ. नवीन भट्ट पिछले 16 वर्षों से योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष हैं। जिनकी दर्जनों से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेकों शोध पत्र भी प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ. भट्ट द्वारा अनेकों सेमिनारों, वेबिनारों, प्रशिक्षण शिविरों, कार्यशालाओं अनेकों जनजागरण कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को लाभान्वित करने के प्रयास करते आ रहे हैं। स्वामी विवेकानन्द शोध एवं अध्धयन केंद्र के निदेशक के रूप में उनका कहना है कि स्वामी विवेकानन्द ने उत्तराखंड में अनेकों अनुभूतियां अनुभव की हैं व हिमालय की उपत्यकाओं में उनका वैदिक केन्द्र स्थापित करना चाहते थे, ताकि सामाजिक परिवर्तन किया जा सके। इस दिशा में प्रयास किया जाएगा।

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