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टनकपुर # ग्रामीणों ने लगाया झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप, कोतवाली का घेराव किया

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टनकपुर। बीते दिनों 28 एकड़ खनन की रॉयल्टी में धांधली किए जाने और झूठे मुकदमे लिखे जाने के विरोध में ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव किया। साथ ही उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की। ग्रामीणों ने झूठे मुकदमे वापस न लिए जाने पर अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी। गुरुवार को 28 एकड़ खनन के धुर विरोधी रहे प्रधान पति गणेश महर के नेतृत्व में उचौलीगोठ और गैड़ाखाली के सैकड़ों ग्रामीणों कोतवाली का घेराव किया। आक्रोशित ग्रामीणों ने एसओ जसवीर सिंह चौहान को ठेकेदार तरुण पंत के खिलाफ तहरीर दी और मुकदमा कायम करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने पुलिस पर निर्दोष ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का भी आरोप लगाया। प्रधान पति महर ने कहा कि ठेकेदारों की तहरीर पर बिना विवेचना किए ही कोतवाली पुलिस ने ऐसे ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज कर दिया जो मौके पर मौजूद ही नहीं थे। कहा कि अगर मुकदमे वापस नहीं हुए तो वह लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को मजबूर होंगे। इसके बाद उन्होंने एसडीएम हिमांशु कफल्टिया को ज्ञापन सौंपते हुए 28 एकड़ क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा के स्थाई समाधान की मांग की है। कहा कि दो माह के अंदर अगर कार्यवाही नहीं हुई तो वह लोग आंदोलन को बाध्य होंगे। इस मौके पर सुदंर सिंह, निर्मल सामंत, पुष्कर सिंह, हेम जोशी, गोपाल सिंह, प्रदीप सिंह, मोहन सिंह आदि मौजूद रहे।

तमाम सबूत एवं तथ्य के बावजूद 28 एकड़ में रॉयल्टी के करोड़ों की धांधली पर प्रशासन कार्रवाई करने से डर रहा है। आखिरकार ठेकेदारों के खिलाफ पुलिस एवं प्रशासन इतना मेहरबान क्यों है, इसका जवाब ग्रामीणों को भी जानना है। ठेकेदार की एक तहरीर पर पुलिस द्वारा नाजायज तरीकों से हम पर मुकदमा दायर कर दिए। यह कहां का इंसाफ है। हम सभी एक होकर लड़ेंगे और जीतेंगे भी फिर चाहे कुछ भी हो जाए
गणेश महर प्रधान पति

आरोप के बाद भी ठेकेदार की आईडी बंद नहीं की
टनकपुर। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 28 एकड़ में बिना खनन हुए लाखों के रॉयल्टी पार करने का मामला सामने आने के बाद भी विभाग ने ठेकेदार की आईडी बंद नहीं की। कहा कि आईडी बंद न होने के बाद ठेकेदारों ने सारी रॉयल्टी पार कर ली है, जिसमें सरकार को करोड़ों का चूना लगाया गया है। ये हाल तब है जब रॉयल्टी चोरी की शुरुआत में ही मामला उजागर हो गया था। प्रशासन जांच का हवाला देकर पल्ला झाड़ता रहा। वहीं दूसरी ओर बेखौफ लोगों ने निर्धारित रॉयल्टी बगैर खनन के ही पार कर दी। इससे सरकार के रीवर ट्रेनिंग नीति भी सवालों के घेरे में आ गई है। उन्होंने प्रशासन से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। कहा कि इस बड़े फर्जीवाड़े को सामने नहीं लाया गया तो वह लोग इसे लेकर आरटीआई लगाएंगे। उन्होंने ठेकेदारों के साथ ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं।